पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस को दोहरा झटका, NSUI के बागी ने निर्दलीय जीत रचा इतिहास
पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ के लिए आज हुए चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल ने इतिहास रच दिया है। यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार कोई निर्दलीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुआ है। अनुराग दलाल ने 3,434 वोटों के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स काउंसिल (PUCSC) के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन CYSS के प्रिंस चौधरी को हराया। प्रिंस चौधरी को 3129, भाजपा के स्टूडेंट विंग ABVP के उम्मीदवार अर्पिता मलिक को 1114 और कांग्रेस स्टूडेंट विंग NSUI उम्मीदवार राहुल जैन को 497 वोट मिले।
यह कांग्रेस के लिए दोहरा बड़ा झटका है। पिछले साल पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस के NSUI के जतिंदर सिंह ने 603 वोटों से प्रेसिडेंट सीट पर जीत हासिल की थी लेकिन इस साल उसे यह पद गंवाना पड़ा। हैरत की बात यह है कि अध्यक्ष निर्वाचित हुए अनुराग दलाल ने NSUI से इस्तीफा देकर निर्दलीय यह जीत हासिल की है।
इससे पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हुआ। मतदान सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ और 11 बजे तक चला। विश्वविद्यालय के 15,854 छात्र मतदान के पात्र थे। एनएसयूआई के अर्चित गर्ग ने वाइस प्रेजीडेंट पद का चुनाव जीता है। एबीवीपी के जसविंदर राणा ने एसपीएसयू के रोहित शर्मा को हराकर ज्वाइंट सेक्रेटरी का चुनाव जीता है।
NSUI से बागी होकर लड़ा चुनाव, रोहतक के रहने वाले दलाल
अनुराग दलाल कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े थे लेकिन पार्टी ने इस बार राहुल नैन को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बतौर उम्मीदवार उतार दिया। इस पर अनुराग बागी हो गए और आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने उतरे और चुनाव जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया। वहीं, एनएसयूआई उम्मीदवार राहुल नैन को महज 497 वोट मिले। अनुराग दलाल ने बताया कि उनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं रहा है। उनके माता-पिता टीचर हैं, जबकि वह पीएचडी स्कॉलर हैं। वह हरियाणा के रोहतक से हैं। उन्होंने बताया कि वह स्टूडेंट्स के हक में रहेंगे और काउंसिल सबके सहयोग से चलेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी पार्टी को जॉइन करने का उनका कोई इरादा नहीं है।
23 उम्मीदवार थे चुनावी मैदान में
पंजाब यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ के दस कॉलेजों में छात्र काउंसिल चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। पीयू छात्र संघ चुनाव में 9 प्रधान पद के दावेदार सहित कुल 23 उम्मीदवार मैदान में थे। शहर के दस कॉलेजों में चार पदों के लिए 112 विद्यार्थियों ने दावेदारी पेश की थी। अध्यक्ष पद के लिए आठ, सचिव पद के लिए चार, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच और संयुक्त सचिव पद के लिए छह उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस)के प्रिंस चौधरी, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राहुल नैन, स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (सोई) के तरुण सिद्धू और पंजाब स्टूडेंट यूनियन-ललकार (पीएसयू-ललकार) की सारा शर्मा अध्यक्ष पद की दौड़ में थे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की अर्पिता मलिक, अंबेडकर स्टूडेंट फोरम (एएसएफ) की अलका, निर्दलीय अनुराग दलाल और टीम मुकुल के मुकुल चौहान भी पीयूसीएससी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे। उपाध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अभिषेक कपूर, एनएसयूआई के अर्चित गर्ग, यूनिवर्सिटी स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (यूएसओ) के करणवीर कुमार और शिवानी मैदान में थे। सचिव पद के लिए पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संगठन (एसओपीयू) के जशनप्रीत सिंह, एनएसयूआई के पारस पराशर, एबीवीपी के शिवनंदन रिखी और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (इनसो) के विनीत यादव चुनाव लड़ रहे थे। संयुक्त सचिव पद के लिए पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ (पीयूएसयू) के अमित बंगा, एबीवीपी के जसविंदर राणा, हिमाचल प्रदेश छात्र संघ के रोहित शर्मा, हिंदुस्तान छात्र संघ के शुभम और दो अन्य उम्मीदवार मैदान में थे।