जम्मू और कश्मीर

तीन दशक में पहली बार महिला हार्डवेयर पंडित फैक्ट्री चुनाव; बीजेपी-कांग्रेस नहीं, इस पार्टी ने बनाया उम्मीदवार

जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव में एक ऐतिहासिक घटना घटती जा रही है। तीन दशक में पहली बार कोई नॉर्थ ईस्ट की महिला वैज्ञानिक मैदान में उतरने जा रही हैं। इनका नाम डेजी कॉलोनी है। डेज़ी पहले दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम करती थी लेकिन अब इलिनोइस के मैदानों में उतर रही हैं। वह पुलवामा जिले के फ्रिसल गांव के सरपंच रहे हैं और अब राजपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं।

डेजी रिपब्लिकन ने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) को उम्मीदवार बनाया है, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर की इन चुनावों में डेजी रेंज की नौ महिलाओं में से एक हैं जो इस बार अपनी किस्मत खराब करने जा रही हैं। रेले ने बताया कि वह युवाओं से राजनीति में आने का आग्रह कर रही हैं।

एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “युवाओं ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उनकी आवाज जम्मू-कश्मीर क्षेत्र तक पहुंच जाएगी। मैंने यहां सरपंच के रूप में काम किया और युवाओं से मिलकर उनकी प्रेरणा ली।” कोशिश की। 1990 के दशक में हमारे युवा बिना किसी दोष के परेशान हो रहे हैं।

रामदास अठावले ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था और कहा था कि राज्य को बहाल किया जाना चाहिए। डेजी ने बताया, “मैंने चुनावी लड़ाई के बारे में कुछ भी नहीं सोचा था। युवाओं ने एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनने के लिए मुझसे मुलाकात की और कहा कि मैं आतंकवादियों को ठीक कर सकता हूं।”

आतंकवादियों के आतंकवादियों के अलावा, आतंकवादियों का गढ़ है और 2019 के घातक हमलों में 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए थे। यह पूछने पर कि उन्हें क्या लगता है कि अपराधी की छवि खराब है? इस पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता। काम ठीक चल रहा है। मेरा सारा काम हो रहा है…अगर कोई दिक्कत है तो वह हमारा ही जन्म है।”

डेजी ने कहा, “जब मैं यहां काम कर रहा था, तो मैं बिना किसी सुरक्षा के पुलवामा में घूमता था। मेरे पास कोई निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) नहीं था। कुछ लोगों ने पीएसओ रखा था, लेकिन मैंने नहीं। मैं यहां दूसरे लोगों से मिला।” उन्होंने कहा कि अगर मैंने अपने समुदाय के लिए भी कुछ नहीं किया किया तो हिंदू नाराज़ हो जायेंगे।”

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