‘लड़की बहन योजना’ को लेकर महायुति में हंगामा! भाजपा-एनसीपी में ठनी; विज्ञापन पर निर्माण नियम
महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री माझी बालिका बहिन योजना’ को लेकर महायुति में धूम मची हुई है। इस योजना के एक मंत्री ने इस योजना के तहत मुख्यमंत्री का चेहरा लेकर अजीत पिता गुट पर एक उम्मीदवार का नामांकन पत्र दाखिल किया है। इसके बाद उपमुख्यमन्त्री लोकव्यापी वाद्ययंत्रियों ने इसे बढ़ावा देने के लिए लेक्चरर का प्रस्ताव रखा। ‘लड़की बहन योजना’ का क्रेडिट लेने के लिए महायुति के अंदर ही दिखाई दे रही है।
कुछ दिन पहले ही गेस्ट ने ‘अजित दादा लड़की बहिन’ योजना के नाम से पोस्ट डाले थे। अब बारामती में इस योजना के प्रचार के पोस्टर देखने वालों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सहायक कलाकार का ही सामना हुआ। इसमें अजीत राइटर का नाम भी कहीं नहीं था। ऐसे में इस योजना को लेकर राजनीति धर्म हो गया। कैबिनेट की बैठक में विपक्ष के मंत्री शंभुराज डेजा ने गर्लफ्रेंड के प्रमोशन की मांग करते हुए कहा था कि इसमें अंतिम रूप से मुख्यमंत्री का नाम क्यों नहीं है।
डेज़ी ने कहा, पार्टी के सभी प्रचार में दोनों उपमुख्यमंत्रियों का भी चेहरा इस्तेमाल किया गया है। दोस्त और बीजेपी हमारे सहयोगी हैं। लेकन उनके प्रचार में से मुख्यमंत्री शब्द को ही हटा दिया गया। इससे क्या परेशानी नहीं होगी? इसके बाद राजकुमार ने भी जवाब देते हुए कहा कि बजट पेश करने के बाद शिंदे के प्रमुख पद पर पूरे राज्य में पोस्ट डाले गए थे। वैष्णवी प्रचारक ने कहा, पहले से ही बनाई थी योजना बजट को लेकर भी शिंदे को ही प्रमोट किया जाएगा। हालाँकि इसपर हमने कुछ नहीं कहा। अब अगर सुविधा की दावेदारी से नाम छोटा कर दिया गया तो हमारे राजभवन क्यों जा रहे हैं?
इस वाक्युद्ध में पासिंग देते हुए क्लासीकल ने मीडिया कलाकारों से शुक्रवार को कहा कि इस योजना के विज्ञापन को लेकर सुपरस्टारपी का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत पूरे राज्य में एक तरह का ही विज्ञापन चलाया जाएगा। बता दें कि ‘मुख्यमंत्री माझी बालिका बहिन योजना’ के तहत हर पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दी जाती है। अब तक 1.59 करोड़ महिलाओं के खाते में 4887 करोड़ रुपए जमा हो गए हैं। इस योजना के तहत 2.5 करोड़ महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके नामांकन की सीमा 30 सितंबर तक जारी की गई है। विधानसभा चुनाव से पहले यह योजना शुरू हो गई है।