जम्मू-कश्मीर में बनेगी किसकी सरकार? एससी किरदार किरदार कैसे निभा सकते हैं
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान बेसहारा जाति (एससी) के भाग्य का फैसला करने में अहम भूमिका रहेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दल इस वर्ग के मतदाताओं को सलाह देने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 90 जिला क्षेत्र हैं, जिनमें 7 पवित्र जनजाति (ST) और 9 पवित्र जनजाति (ST) शामिल हैं। जम्मू प्रांत में 20 पर्वतीय क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 19 से 26 प्रतिशत के बीच है। यह एसोसिएटेड स्टॉकहोम में अनारक्षित स्टॉक के भाग्य का निर्णय कर सकता है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार के गठन में किसी भी राजनीतिक दल की मदद की जा सकती है।
वर्ष 2011 के आदर्शों के अनुसार, मध्आ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सबसे अधिक 42.55 प्रतिशत प्रतिशत जातियाँ हैं। इसी प्रकार बिश्नाह में 41.95, रेलवे में 36.73, सुचेतगढ़ में 36.71, अखनूर में 31.29, कछुआ में 31.28 और रिजर्व में 30.48 प्रतिशत लोग एससी समुदाय से हैं। राजौरी, गुलाबगढ़, बुधल, मेंढर, सुरनकोट, थानामंडी (जम्मू क्षेत्र), गुरेज, कोकरनाग, क्रिएट (कश्मीर क्षेत्र) शामिल हैं, जो जम्मू कश्मीर में भी शामिल हैं। अगली सरकार में अहम भूमिका निभाएंगी। इस क्षेत्र में एससी के पुस्तकालय का प्रतिशत बहुत कम है।
भाजपा की घोषणापत्र में SC का कैसे ज़िक्र
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 7 धार्मिक अनुष्ठानों में विभिन्न राजनीतिक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले एससी विद्वानों के लिए महत्वपूर्ण कारक की भूमिका निभाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से शुक्रवार को जम्मू में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया गया। सरकारी सेवाओं में फुटबॉल और पिरामिडों के लिए आकर्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर से कैसा रहा गियरबॉक्स का गुणांक
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को 28, बीजेपी को 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने इस बार नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन के लिए चुनावी लड़ाई लड़ी है। जम्मू-कश्मीर में थ्री स्टेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान शुरू होगा। 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किये जायेंगे। इससे पहले भाजपा, कांग्रेस, पीपीआई सहित सभी राजनीतिक दल जातीय अनुपातों को भी शामिल किया गया है।