दमोह समाचार: दमोह में हादसा, 4 तालाब के तालाब में डूबने से मौत, इलाके में मौत
आशीष कुमार जैन
दमोह. नोहटा जिले के अंतर्गत आने वाले डूमर गांव के 4 तालाब में डूबने से मौत हो गई। इसके बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है तो वहीं दमोह जिले के अस्पताल में भी हॉस्टल का रो-रोकर बुरा हाल है। अस्पताल में मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि गांव से सूचना मिलने पर जिला कल के सह-लेखक ने उद्यम को अस्पताल भेजा है। इसके साथ ही पुलिस के सहायकों ने बताया कि गांव के कोटवार को बताया गया है कि 3 क्वार्टरों में जिला चिकित्सालय भेजा गया है। इसके बाद यहां डॉर्टर ने मृत घोषित कर दिया तो फोर्टिस के अध्यक्ष सहित मजिअली रिचर्ड्स को इसकी सूचना दी गई है।
मित्र मोहित जैन ने कहा कि पो पोर्टमार्टम रिपोर्ट में अगर पानी से डूबने से मौत साबित होगी तो फिर दोस्त के मृतकों के अवशेषों को 4-4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वहीं, गांव के लोगों ने बताया कि सभी बच्चियां देर शाम एक धार्मिक समारोह से लौट रही हैं। इसमें से तीन बच्चियांप्रोटू उम्र 12-12 साल की और एक 10 साल की थी, वे तालाब पर छात्रावास चले गए और एक-एक कर डूब गए; उनकी मृत्यु हो गई। तीन मोर्टार को सबसे पहले बाहर निकाला गया और फिर से जिला अस्पताल भेजा गया। वहीं चौथी बैसाखी का शव सबसे बाद में तालाब से बाहर जा सका। दुर्घटना के बाद इलाके में मातम छाया हुआ है।
भंडारे के बाद तालाब में स्थापित हुई थी बच्चियां, एक-एक कर डूबा
इस घटना के पीछे जो कारण सामने निकल कर आया है. वो एक टोटके और स्थानीय सिद्धांत से जुड़ा हुआ है। पूर्वी इलाक़ों में वर्षा नहीं हुई है और ग्रामीण इलाक़ों में ऐसी स्थिति है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार ऐसी स्थिति और बारिश के लिए गांव के छोटे-छोटे हिस्सों को अर्धनगन कर के उन्हें मिट्टी में पकौड़ी बनाकर रख दिया जाता है और गांव से भीखाई ले जाया जाता है और इससे जो खाद्य सामग्री जमा होती है। उसी देवी के मंदिर में भंडारा का आयोजन किया जाता है। ये बच्चियां भी इसी टोटके को करने के बाद भंडारा लेकर वापस रेस्तरां तालाब में स्थापित हो गई थीं। नोहटा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं मोरेरियो का कहना है कि वेबसाइट पर जांच की जा रही है। प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की सलाह दी गई है।
पहले प्रकाशित : 9 सितंबर, 2024, 24:36 IST