जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले फारूक अब्दुल्ला की मुश्किलें, नए आरोप के साथ कोर्ट में टकराव; एफआईआर की मांग
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले केंद्रीय जांच एजेंसी एचडी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। एडी मनी लॉन्ड्रिंग में फारूक के साथ दो नए आरोप शामिल हैं। एचडी ने कोर्ट से नए उत्पाद का मॉडल लेने का आग्रह किया है। यदि अदालत में याचिका स्वीकार की जाती है तो फारूक के खिलाफ नामांकन दर्ज किया जा सकता है। बता दें कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने एचडी के पोर्टफोलियो को खारिज कर दिया था।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में श्रीनगर के प्रधान जिले और सत्र न्यायाधीश की याचिका में संबंधित मामलों में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 411 (बेइमानी से चोरी की संपत्ति) प्राप्त की है। करना) और 424 (बेइमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति की स्थापना या छिपाना) जोड़ना है।
डीडी ने यह कदम तब उठाया जब जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने फारूक अब्दुल्ला और कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया और 14 अगस्त को आरोपपत्र को खारिज कर दिया था। यदि कोर्ट सेंट्रल एजेंसी की फाइल को स्वीकार करने के लिए भर्ती किया गया है और बिल्डरों के लिए किसी पूर्व दोषी के तहत कोई अपराध किया गया है तो वह नई प्रविष्टियां दर्ज करा सकता है।
उच्च न्यायालय ने जेकेसीए मामला खारिज कर दिया
इससे पहले 14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित पत्रकारों से जुड़े धनशोधन जांच के दावे में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ आरोप पत्रों को खारिज कर दिया था। डीएचए संजीव कुमार द्वारा एकल याचिका के आदेश में कहा गया है कि इन लोगों के खिलाफ कोई वैधानिक अपराध नहीं बनता है, इसलिए डीएचए द्वारा एकल याचिका और पूर्ण आरोपपत्र को रद्द कर दिया गया है।
डीएचडी ने आरोप पत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व रिजर्व बैंक), मीर आइडिया गंजफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व रिजर्व बैंकर) और कुछ अन्य को बनाया था। आरोप पत्र में सूचीबद्ध लोगों ने इसे रद्द करने का प्रयास करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।