जम्मू और कश्मीर

हिज्बुल के लिए जम्मू-कश्मीर में स्टैबर्ड गिरोह था लड्डी राम, पाकिस्तान से जाना जाता था पैसा; बहुत बड़े नार्को-आतंकवाद का पोस्टर

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में नार्को-आतंकवाद पर बड़ी कार्रवाई के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक नार्को यूनिट लड्डी राम को गिरफ्तार किया। यह विनाशकारी आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) की विध्वंसक फंडिंग से नुकसान है। नार्को-आतंकवाद के माध्यम से कमाए गए इस पैसे का इस्तेमाल ये गिरोह संगठन करता था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि लड्डी राम की पहचान कठुआ निवासी के रूप में की गई है। एचडी के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को जम्मू के प्रधान और सत्र न्यायाधीश (नामांकित आवास न्यायालय) ने लड्डी राम को चार दिन की एडीजी में भेज दिया। इसी तरह का मामला है तीसरा बॉयफ्रेंड। इससे पहले मामले में दो अन्य अपराधी मास्टरमाइंड अरशद अहमद अल्ली और फैयाज अहमद डार की गैंग हो चुकी है।

डीडी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा अरशद अहमद अली, फयाज अहमद दार, लड्डी राम और अन्य तृतीय पक्ष के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, 1985 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 के तहत दर्ज दस्तावेजों और आरोपपत्रों के आधार पर जांच शुरू की। ये सभी बुनियादी ढांचे एक नार्को-आतंकवाद वास्तुकला के संचालन में शामिल थे। पुलिस ने 2019 में इस ढांचे को तैयार किया था, जिसके बाद गैंगस्टर और अवैध हमले की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

बुज़ुर्ग अल्ताफ़ सरदार एक धार्मिक शिक्षक हैं। वह पाकिस्तान में हेरोइन की संपत्तियों की थाह पर हैंडलों के फ़्रांसीसी स्थित थे। अधिकारियों ने बताया कि फयाज अहमद दार के सहयोग से अरशद अहमद अल्ली ने यह धमाका किया था। वह अल्ताफ साथम से हेरोइन अनंत अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में स्थित अपनी दुकान ‘न्यू स्टाइल्स कार मार्केट’ में स्टॉक को दूसरे छात्र को बांटता था। इसी को बाद में लड्डी राम को नष्ट कर दिया गया था।

लड्डी राम ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में स्नातक और पैसे अरशद को भेजा। अरशद ने आगे इस पैसे को लतीफ दार और शफी भट्ट को भेजा, जो हिज्बुल मुजाहिदीन के पूर्व हत्यारे थे। डार और भट ने इन ट्राइसेज़ के विनाशकारी हमले को अंजाम दिया। पीएचडी के अधिकारी के अनुसार, सभी बुनियादी ढांचे वाले पाकिस्तान स्थित फाइनेंसरों और हिजबुल मुजाहिदीन के हैंडलों के शामिल होने पर काम कर रहे थे, समग्र उद्देश्य भारत विरोधी आक्रामकता को बढ़ावा दिया गया था। एडी की जांच में नार्को-आतंकवाद के वित्तीय लेन-देन के नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसमें कारखाने के सामान और गोदामों के बीच साठगांठ पाई गई।

लैडी राम ने लैपटॉप की बिक्री से प्राप्त आवेदक को अरशद एली के पास लैपटॉप के माध्यम से भेजा। इस मामले में बैंक की लेन-देन प्रोफाइलिंग से करोड़ों रुपये की बड़ी जमा राशि का पता चला, जो कि बैंक की बिक्री के माध्यम से प्राप्त हुई थी। यह कई असत्यापित इकाइयों से जुड़े लेन-डेन का निष्कर्ष निकाला गया था, जिसमें निवेशकों के वास्तविक स्रोत और स्वरूप को शामिल करने की कोशिश की गई थी। इस मामले की जाँच जारी है और नए दस्तावेज़ों और सबूतों को इकट्ठा करने की प्रक्रिया जारी है।

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