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सेबी प्रमुख माधबी बुच के खिलाफ महुआ मोइत्रा पहुंचीं लोकपाल, अडानी को भी घसीटा

तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन पर भ्रष्टाचार और शेयर के हेर-फेर में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। महुआ मोइत्रा ने लोकपाल से मामले की जांच करने की अपील की है। देश में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करने वाली संस्था ने महुआ मोइत्रा की इलेक्ट्रॉनिक शिकायत दर्ज कर ली है और जवाब दिया है कि मामले की जांच की जा रही है।

महुआ मोइत्रा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “माधवी पुरी-बुच के खिलाफ मेरी लोकपाल में शिकायत दर्ज हो गई है। लोकपाल को 30 दिनों के अंदर इसे शुरुआती जांच और फिर फुल एफआईआर जांच के लिए सीबीआई या ईडी को भेजना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “इसमें शामिल हर शख्स को तलब किया जाना चाहिए और हर लिंक की जांच की जानी चाहिए।” महुआ मोइत्रा अपनी शिकायत में कहा, “माधबी पुरी बुच को अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक सेबी का फुल टाइम सदस्य और उसके बाद मार्च 2022 में सेबी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लगभग रोज हो रहे खुलासों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि बुच एक सीरियल अपराधी हैं जिन्होंने ऐसे काम किए हैं जो एक पब्लिक सर्वेन्ट के तौर पर पूरी तरह गलत है और यह भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरा पहुंचाते हैं।”

सेबी प्रमुख पर क्या हैं आरोप?

यह शिकायत 11 सितंबर को दर्ज की गई थी। इससे पहले अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि सेबी प्रमुख और उनके पति ने ऑफशोर फंड में निवेश किया था जो अडानी समूह की कंपनियों से जुड़े हैं। यह इस दौरान हुआ जब सेबी अडानी समूह के खिलाफ शेयर के हेर फेर की शिकायतों की जांच कर रहा था। सेबी प्रमुख पर अडानी समूह के खिलाफ शिकायतों से निपटने से खुद को अलग न करने के लिए हितों के टकराव और भ्रष्टाचार का आरोप है।

अडानी को भी घसीटा

भ्रष्टाचार निवारण कानून का हवाला देते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि इस कानून की धारा 21 के तहत, माधवी बुच, धवल बुच (उनके पति), गौतम अडानी, विनोद अडानी, सिरिल श्रॉफ रूप से जवाबदेह हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि “सेबी के बोर्ड सदस्यों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “भारतीय शेयर बाजार में अब लगभग 10 करोड़ नागरिक हैं जो प्रत्यक्ष और/या अप्रत्यक्ष निवेशक हैं। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों ने भी भारत के शेयर बाजारों और इसकी विश्वसनीयता पर गहरी चिंता जताई है। इसलिए यह राष्ट्रीय हित का एक गंभीर मामला है और इसलिए जांच की जानी चाहिए।”

सेबी प्रमुख ने आरोपों को किया है खारिज

इससे पहले कांग्रेस ने भी पिछले कुछ हफ्तों में सेबी की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं। 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने करीबी दोस्तों को बचाने के लिए सेबी को कलंकित किया है। हालांकि सेबी अध्यक्ष ने आरोपों को खारिज कर दिया।

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