इस मंदिर में ब्रह्मा द्वारा रचित सृष्टि की उत्पत्ति के लिए 108 यज्ञ, भगवान राम से जुड़े हुए हैं
विकास कुमार/चित्रकार : धर्म नगरी प्रभु श्री राम की कर्म स्थली है। येही प्रभु श्री ने अपने वनवास काल के दौरान डेढ़ दशक के दौरान अपने वनवास काल में 108 यज्ञ किये थे। सी थी ज्ञात की प्रभु श्री राम अपने वनवास काल में आएंगे। आज भी इस मंदिर में भक्त दर्शन के लिए दूर से दर्शन करें।
सृष्टि की उत्पत्ति 108 यज्ञों से हुई
बता दें कि एक धार्मिक स्थल के रूप में दे का चित्र बहुत महत्वपूर्ण है और यहां के यज्ञ वेद मंदिर की परिभाषा भी खास है। मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित यह मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक मसाले का प्रतीक भी है। यहां ब्रह्मा जी द्वारा 108 यज्ञों के बारे में बताया गया है, जो सृष्टि की उत्पत्ति के लिए बताए गए थे। पौराणिक मत के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पूर्व अनुमान लगाया था कि भगवान श्री राम अपने वनवास के दौरान इस पवित्र स्थान पर आए थे, इसलिए उन्होंने यहां यज्ञ किया गया है, यही कारण है कि यह स्थान श्री राम के वनवास काल के दौरान भी विशेष महत्व रखता है, और इसका वर्णन पौराणिक ग्रंथों में भी है।
पुजारी ने दी जानकारी
वहां के पुजारी कृष्ण दत्त ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम ने मंदिर में दर्शन-पूजन और यज्ञ वेदी मंदिर में एक ज्ञान सभा का भी आयोजन किया था। इस सभा में उनके साथ उनके भाई, त्रि माता और सभी देवी-देवता उपस्थित थे। यह स्थल आज भी श्रद्धा और भक्ति की खोज में साधु संतों और अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है, 16वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के पन्ना के राजा मान ने इस यज्ञ वेदी मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। यह मंदिर आज भी पांच बीघे में पूर्ण यज्ञ वेदियों के साथ स्थापित है, जिसमें इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का उल्लेख है।
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पहले प्रकाशित : 13 सितंबर, 2024, 13:24 IST
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