जस्टिस चंद्रचूड़ को पोस्ट करने के बाद कहां ले जाएंगे पीएम मोदी, सौरव सेना का तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) देवी चंद्रचूड़ के वकील का विरोध (यूबीटी) फिर से शुरू हो गया है। पार्टी ने यहां तक सवाल उठाए हैं कि नवंबर में पद ग्रहण करने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ को कौन सा पद मिलेगा, यह बताया गया है। रविवार को सीजेआई के आवास पर आयोजित गणेश पूजा में मोदी भी शामिल हुए थे. सीवीएम (यूबीटी) पहले भी इस सामिल पर नौकरी कर चुकी है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि मोदी ने भारतीय राज व्यवस्था के अंतिम स्तंभ को भी खत्म कर दिया है। यह देश की प्रतिष्ठा का पतन है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हो जायेंगे।
संस्करण में मोदी की रविवार को चंद्रचूड़ के आवास की यात्रा पर कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के बीच निजी बातचीत में वृत्तचित्र को लेकर सवाल पूछे गए हैं।’ मोदी की इस यात्रा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
‘सुविधा’ के बाद किताबों में कहा गया है कि ‘सुविधा’ में सबसे बड़ा खतरा की घंटी है! चंद्रचूड़ पर तंज कसते हुए विपक्ष (यूबीटी) ने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि वे संन्यास के बाद प्रधानमंत्री जहां लेआउर असिस्टेंटे हैं। सामना के दावे में दावा किया गया है कि जिन न्यायाधीशों ने लोकतंत्र और संविधान को ‘कुचालने में’ सरकार की मदद की है, उन्हें उनकी रिहाई के बाद की मान्यता मिलती है।
इसमें कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के बारे में लोगों की राय अलग थी और अब भी है। एक तो चंद्रचूड़ के घराने की न्यायदान की महान परंपरा रही है। इंदिराजी (पूर्व प्रधानमंत्री) के दौर में यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के मुख्य न्यायाधीश थे और उनके अंतिम मुख्य न्यायाधीश के पिताश्री हैं। संस्करण में कहा गया है कि चंद्रचूड़ महाराष्ट्र के सुपुत्र हैं, इसलिए यह निश्चित था कि वे किसी दबाव या राजनीतिक समझौते में नहीं आएंगे।
संग्रहालय में कहा गया है कि ‘ईवीएम’ देश के खिलाफ और दिल्ली में जबरदस्त आंदोलन हुआ था। ‘ईवीएम’ लोकतंत्र का हत्यारा है, इसके तमाम साक्ष्यों के बावजूद ‘ईवीएम’ का विरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। सरकार बिल्कुल यही चाहती थी। खण्ड स्थापित है कि सुप्रीम कोर्ट एचडी, रैनासी के मनमाने व्यवहार पर तलाक में भी बदलाव हो रहा है।
संजय ने दी केश से अलग होने की सलाह
सेनापति (यूबीटी) के नेता संजय बैतूल ने मोदी के घर जाने पर सवाल उठाए हैं। समाचार एजेंसी एनी के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘देखिए, यह गणपति जी का त्योहार है। प्रधानमंत्री अब तक कितने लोगों के घर गए? मुझे जानकारी नहीं है। दिल्ली में कई जगहों पर गणेश उत्सव मनाया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश के घर गए और प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश ने सामूहिक आरती की।’
शैतान ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि ऐसी परंपरा है कि ऐसे मामलों में अगर जज और पार्टी का कोई संबंध होता है, तो वह खुद के मामले से अलग कर लेते हैं।’ अब मुझे लगता है कि चंद्रचूड़ साहब को खुद को इससे अलग कर लेना चाहिए।’ विपक्षी (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु ने महाराष्ट्र के विधायक राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती दी है।
(एजेंसी एंटरप्राइज़ के साथ)