मैं पीएम मोदी से बहुमत से चुनाव जीता हूं, रिलीज के दूसरे ही दिन रशीद इंजीनियर ने फिर बोला हमला
जम्मू और कश्मीर से मासूम शेख़ अब्दुल रशीद नॉकी इंजीनियर रशीद ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित एक वीडियो साझा किया है। रसीद का कहना है कि उन्होंने मोदी से बहुमत से चुनाव जीता है। इधर, क्षेत्र के दो प्रमुख क्षेत्रीय नेशनल कॉन्फ्रेंस और डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक पार्टी रशीद की रिहाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी को समर्थन मिल रहा है।
रसीद हाल ही में तिहाड़ जेल से करीब 5 साल की सजा के बाद सामने आए हैं। पंचायत आज तक कार्यक्रम में वे लोकसभा चुनाव में जीत पर बात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने वाराणसी से अंतरराष्ट्रीय चुनाव जीता है, उनमें से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय चुनाव जीता है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी विधानसभा सीट से 1 लाख 52 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीता था। जबकि, राशिद की जीत का अंतर 2 लाख वोट से ज्यादा था।
उन्होंने कहा, ‘मेरे हिस्से में 5 अगस्त 2019 को वोट आया जो उनके खिलाफ बस रेंडरेंड थे।’ पांच साल पहले 5 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली केंद्र में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने का फैसला लिया गया था। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी मोदी के ‘नया कश्मीर’ मुद्दे पर सवालिया निशान लगाए गए हैं।
गुरुवार को बारामूला जिले के डेलिना में रैली के दौरान उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी को अब तक यही एहसास हुआ है कि ‘नया कश्मीर’ का नारा पूरी तरह से टूट चुका है। कोई ‘नया’ कश्मीर नहीं था, यह उत्पीड़न का कश्मीर था, पीड़ा का कश्मीर था, आपदा का कश्मीर था, यूएपीए (गैर कानूनी रोकथाम अधिनियम) के तहत कश्मीर था।’
उन्होंने कहा कि उन्हें, हुर्रियत नेताओं, किशोर युवाओं को कब्जे में लेकर कश्मीरियों को कब्जे में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री युद्धरत देशों के बीच बातचीत कर रहे हैं और दोहा में तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन कश्मीरियों को अभी भी मौत के घाट उतार दिया गया है।
एनसी और पीपीपी की घेराबंदी
सांसद ने कहा, ‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद को विश्वासपात्र शेख अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला से भी बड़ा मिला है, क्योंकि वह (मुफ्ती) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लेकर जम्मू-कश्मीर में आ गए हैं।’ अगर मस्जिद बाबा में जमीर होता तो उन्हें बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए थी।’
इधर, एनसी और पीपीपी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के वोट काटने के लिए रशीद को रिहा कर दिया है। अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) प्रमुखों को रविवार को अस्थायी तौर पर रिहा कर दिया गया। वह यूएपीए के तहत जेल में बंद थे।
(एजेंसी एंटरप्राइज़ के साथ)