उत्तर प्रदेश

अनंत चतुर्दशी 2024: अनंत चतुर्दशी पर एक नजर से बदलेगी किस्मत! माता लक्ष्मी आकर्षक, बरसेगा धन!

वाराणसी/अभिषेक मास्टर: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विधान है। इस दिन को अनंत चौदस भी कहा जाता है। गणपति बप्पा की विदाई भी इसी दिन लोग करते हैं। धार्मिक मतानुसार अनंत चतुर्दशी के व्रत और पूजा से सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग इस दिन विशेष पूजा करते हैं।

अनंत चतुर्दशी का व्रत कब है?
काशी के ज्योतिषाचार्य संजय उपाध्याय ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर्ण शेष पर विराजे भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन देव शिल्पी भगवान विष्णु की जयंती भी होती है।

हाथ में बांधे अनंत सूत्र
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान चौदह ग्रंथ का सूत्र उनके सामने रखकर पूरी विधि विधान से उनकी पूजा करनी चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों से इस अनंत सूत्र को जागृत करना चाहिए। पूजा के बाद इस चौपाई अनंत सूत्र को पुरुषों के बाएं हाथ के उपकरण पर और महिलाओं को बाएं हाथ के उपकरण को जागृत करना चाहिए।

सुख-समृद्धि के आसान उपाय
इस अनंत सूत्र को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा भक्तों पर बनी रहती है और सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति भी होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान की विशेष कृपा करें तो आप इन खास उपायों को अपना सकते हैं।

अनंत चतुर्दशी के दिन न स्थिर
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। व्रत के संकल्प के दौरान क्षीर सागर में विराजे भगवान विष्णु के रूप का ध्यान करना चाहिए। इस दिन व्रत के संकल्प के दौरान अनुपयोगी फलहार का सेवन करना चाहिए। सभी व्रत रखने वाले यंत्र को इस बात का अवश्य रखना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्यों और आचार्यों से बात करके लिखी गई है। कोई भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि संयोग ही है। ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है। बताई गई किसी भी बात का लोकल-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है।

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