उत्तर प्रदेश

आलू के अच्छे निर्माण के लिए कृषि वैज्ञानिक की सलाह, इस दिन होने वाली है आलू की खेती

अंजलि शर्मा/ कन्नौज. किसानों के लिए एक सुनहरा मौका 18 और 19 सितंबर को आने वाला है। किसानों की पारंपरिक और सबसे प्रमुख खेती आलू ही है। 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है। कुछ वर्षों से आलू की खेती में कई समस्याएं आ रही हैं, ऐसे में 18 और 19 सितंबर को काॅलोनी में आलू की खेती का कार्यक्रम होने जा रहा है। यहां पर बहुत दूर से कृषि वैज्ञानिक आते हैं। सीधे किसान अपनी समस्या बताएं अपना समाधान ले लें। वहीं यहां पर अच्छे बीज से संबंधित स्टॉल भी स्टॉक में जाकर किसानों को बीज के बारे में भी मुफ्त जानकारी दी जा सकती है।

क्या आ रही समस्या

किसान करीब 54000 हेक्टेयर में आलू की खेती करते हैं। आलू यहां की प्रमुख फसल है. यहां के आलू की खेती में पारंपरिक रूप से कई गलत कृषि पद्धतियां अपनाई जा रही हैं, जिनमें प्रमुख मात्रा में पोषक तत्व और रसायन असंतुलित प्रयोग और निम्न गुणवत्ता युक्त बीज का प्रयोग शामिल है। जो यहां के आलू की गुणवत्ता के बारे में बताता है कि बाजार में उसका अच्छा मूल्य नहीं मिलता है।

कब, कहां होगा गोष्ठी का आयोजन

आगामी 18 और 19 सितंबर को आलू स्टूडियो का कॉन्सर्ट आयोजित किया जाएगा। यहां पर केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के तीरंदाज, आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर तथा अन्य विषयों के वैज्ञानिक विषय विशेषज्ञ वैकोन आदि के द्वारा यहां प्रतिभागिता की जाएगी। आलू की उन्नत प्रौद्योगिकी पर शोध, आलू की खेती की नवीनतम तकनीक, जैविक खेती, आलू की खेती की नवीनतम तकनीक, जैविक खेती, आलू की उन्नतशील कीट रोग का संयोजन प्रबंधन और सूक्ष्मदर्शी प्रणाली के बारे में बताया जाएगा।

क्या बोले उद्यान अधिकारी

वहीं लोकल 18 से करते हुए जिला उद्यान अधिकारी सीपी की बातचीत में बताया गया कि आलू किसानों की समस्या का समाधान करने के तरीके किसानों को 18 और 19 सितंबर को कोलकाता में ही मिल जाएंगे, साथ में ही आलू की गुणवत्ता और अच्छी कैसे बनाएं, कैसे बनाएं लाभ ले इसके बारे में भी बहुत सारी जानकारी प्राप्त करें। किसान यह मौका बिल्कुल भी न छोड़ें 18 और 19 सितंबर को कलेक्ट परिसर में होने वाली आलू उद्यमियों में जरूर प्रतिभाग करें और यहां कृषि उत्पादन के बारे में अच्छी तकनीक के बारे में जानें। उनका सवाल यह है कि किसान यहां पर कर भुगतान कर सकते हैं। किसानों को यहां पर अच्छे बीज की जानकारी भी मिलेगी। अगर किसानों को कोई जानकारी मिलनी चाहिए तो उन्हें कृषि या सुदूरवर्ती स्थानों पर जाना होगा, लेकिन अब किसानों को 18 और 19 सितंबर को भी इसमें शामिल होने का मौका मिलेगा। किसान अपने गैजेट्स का समाधान यहां ले सकते हैं।

टैग: हिंदी समाचार, लोकल18

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