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क्या कच्चे चने को भिगोने वाले पानी में होता एनर्जी का डबल डोज? एक्सपर्ट से जानें फायदे और नुकसान

बोकारो. कच्चे चने को भिगोकर खाने और उसका पानी पीने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग इसे अपने दैनिक आहार का हिस्सा मानते हैं. यह न केवल ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है, बल्कि इसे पाचन से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने तक के लिए फायदेमंद माना जाता है. लेकिन क्या वास्तव में भिगोए हुए चने का पानी उतना ही गुणकारी होता हैं? ऐसे में बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.राजेश पाठक ने ( नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली से एम.डी., पतंजलि आयुर्वेद में 16 वर्षों का अनुभव और वर्तमान में शुद्धि आयुर्वेदा में 3 वर्षों से कार्यरत) ने LOCAL18 को आसान भाषा में कच्चे चने के भिगोने वाले पानी के फायदे और नुकसान के बारे में बताया है.

क्या है भिगोए हुए चने के पानी के फायदे
चने को भिगोने से उसमें छुपे पोषक तत्व बाहर आ जाते हैंं. उसका पानी पोषक तत्वों से भर जाता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश पाठक कहना है कि चने का भिगोया हुआ पानी पीने से एनर्जी का डबल डोज मिल सकता है. क्योंकि यह शरीर में तुरंत ऊर्जा पहुंचाता है. चने को भिगोकर खाने से पाचन तंत्र बेहतर होता है. पानी में मौजूद एंजाइम और फाइबर पाचन में सहायता करते हैं. कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करते हैं, यह पेट साफ करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है.

वजन घटाने में मददगार:

भिगोए हुए चने का पानी पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन घटाने में मदद मिलती है. इसके साथ ही, चने का फाइबर शरीर में फैट को कम करने में सहायक होता है. भिगोए हुए चने में मौजूद विटामिन C और जिंक इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करते हैं. यह संक्रमणों से बचाव करता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.

ब्लड शुगर को नियंत्रित करता :

चने का भिगोया हुआ पानी शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में सहायक होता है.चने का पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर में कैलोरी तेजी से बर्न होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है. यह शरीर के सामान्य कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है.

क्या है भिगोए हुए चने के पानी के नुकसान
कच्चे चने में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है, जिसे पचाने में शरीर को समय लगता है. अगर आप भिगोए हुए चने का पानी अत्यधिक मात्रा में पीते हैं, तो यह पेट में गैस और अपच की समस्या पैदा कर सकता है.

ऑक्सालेट्स की अधिकता :

चने में ऑक्सालेट्स की मात्रा पाई जाती है, जो अधिक मात्रा में शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी स्टोन का खतरा बढ़ा सकती है. इसलिए अगर आपको किडनी की समस्या है, तो भिगोए हुए चने का पानी सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.चने को ज्यादा देर तक पानी में भिगोने से कुछ पोषक तत्व पानी में घुल सकते हैं, जिससे उनके गुणों में कमी आ सकती है. इसलिए चनों को सही समय तक ही भिगोना चाहिए, ताकि पोषक तत्वों की मात्रा बनी रहे.

एलर्जी की संभावना:

कुछ लोगों को चने से एलर्जी हो सकती है. अगर आपको चने से एलर्जी है, तो भिगोए हुए चने का पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे स्किन रैशेज, सूजन या अन्य एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं.

कैसे करें सही उपयोग
कच्चे चनों को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह उठकर पानी को छानकर पी लें. आप चाहें तो इसमें हल्का सा नमक या नींबू भी मिला सकते हैं, जिससे इसका स्वाद बढ़ जाएगा. ध्यान रखें कि चनों को ज्यादा देर तक न भिगोएं, क्योंकि इससे उनके पोषक तत्व कम हो सकते हैं.रोजाना एक गिलास चने का पानी पीने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी और पाचन तंत्र भी बेहतर रहेगा.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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