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बुढ़ापा रोक देगी डायबिटीज की ये सस्ती गोली? 90% मरीज खाते हैं यही, चीन की रिसर्च पर एक्‍सपर्ट बोले, सच है

अगर आपसे कहा जाए कि डायबिटीज के 90 फीसदी मरीजों द्वारा खाई जाने वाली एक गोली बुढ़ापे को आने से रोक सकती है या सालों-साल आपको जवान बनाए रख सकती है, तो शायद आपको इस बात पर यकीन न हो लेकिन हाल ही में बीजिंग के वैज्ञानिकों की एक रिसर्च पर अब भारत के एक्‍सपर्ट्स ने भी मुहर लगा दी है. भारत में शुगर मरीजों के लिए दवा के रूप में इस्‍तेमाल होने वाली यह सबसे सस्‍ती दवा मेटफॉर्मिन सच में करामाती है. अगर आप भी डायबिटीज में रोजाना मेटफॉर्मिन गोली खाते हैं तो आज के बाद खुद भी इस बात पर गौर कर सकते हैं.

12 सितंबर को जर्नल सेल में बीजिंग में यूनिवर्सिटी ऑफ चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और अन्य विश्वविद्यालयों के 43 रिसर्चर्स की एक स्‍टडी प्रकाशित हुई है, जिसमें उन्‍होंने दावा किया गया है कि डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन के लगातार और रेगुलर उपयोग से बंदरों की उम्र 6 साल कम हुई है, यानि उनमें बुढ़ापा 6 साल देरी से आया है. इस दवा ने बंदरों पर एंटी एजिंग दवा के रूप में बेहतरीन असर दिखाया है. लिहाजा यह मनुष्‍यों पर भी कारगर साबित हो सकती है.

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भारत के एक्‍सपर्ट बोले, मेटफॉर्मिन के हैं कई फायदे
एसोसिएशन ऑफ लॉन्‍गेविटी एंड एंटी एजिंग मेडिसिन के प्रेसिडेंट और करनाल स्थित भारती अस्‍पताल के जाने-माने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा कहते हैं कि ये बहुत ही दिलचस्‍प रिसर्च है क्‍योंकि मेटफॉर्मिन कई दशकों से डायबिटीज के मरीजों के लिए इस्‍तेमाल की जा रही है. हमें मेटफॉर्मिन के कई और फायदे भी पता हैं. हार्ट की बीमारी, डायबिटीज की कॉम्‍प्‍लिकेशंस के अलावा कैंसर की कठिनाइयों को भी इस दवा से कम किया जा सकता है.

हार्ट और ब्रेन की एजिंग करती है कम
अभी तक की रिसर्च में यह सामने आया है कि डायबिटीज के मरीजों में मेटफॉर्मिन वाकई कई अन्‍य ऑर्गन जैसे हार्ट, ब्रेन या खून की नसों की एजिंग को कम करने का काम करती है. भारत में ऐसे रिसर्च हुए हैं कि कैलोरी रिस्ट्रिक्‍शंस से बुढ़ापे को रोका जा सकता है और मेटफॉर्मिन भी एक तरह से कैलोरी रिस्ट्रिक्‍शन और एएमपी काइनेज एक्टिवेट करने का ही काम करती है. ऐसे में यह दवा एंटी एजिंग में कारगर हो सकती है.

भारत में एंटी एजिंग में पहले से हो रही इस्‍तेमाल
वहीं द एंटी एजिंग सेंटर, गुरुग्राम के ग्रुप मेडिकल डायरेक्‍टर प्रो. नवनीत अग्रवाल बताते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को सरकारी अस्‍पतालों से लेकर प्राइवेट अस्‍पतालों में मेटफॉर्मिन दवा दी जाती है. यह बेसिकली इंसुलिन रेजिस्‍टेंट का काम करने के साथ-साथ सेल्‍स को रिपेयर करने में मदद करती है और एंटी इन्‍फ्लेमेटरी ड्रग के रूप में भी काम करती है. मेटफॉर्मिन पर बहुत सारे रिसर्च हो चुके हैं. हमारे सेंटर में प्री डायबिटिक मरीजों, ओवरवेट मरीजों में एंटी एजिंग ट्रीटमेंट के लिए भी मेटफॉर्मिन का इस्‍तेमाल किया जा रहा है.

इसके अलावा यह लड़कियों को होने वाली पीसीओएस बीमारी में भी इलाज के लिए इस्‍तेमाल होती है. ओबेसिटी के मरीजों के लिए भी इस दवा को यूज किया जाता है. ऐसे में यह रिसर्च ठीक है और बुढ़ापे को धीमा करने की दिशा में कारगर सिद्ध हो सकती है.

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