उत्तर प्रदेश

आलू के छिलके के दौरान इन 6 बातों का ध्यान, आकृति होगी बड़ी! उत्पादन भी होगा टैगा

दफ़्तर : किसान धान की फसल की कटाई के बाद आलू की फसल की कटाई की जाती है। आलू कम फिल्म में अधिक उत्पाद देने वाली फसल है। 60 से 80 दिनों में आलू से किसानों को अच्छा उत्पादन और उत्पादन मिल रहा है, लेकिन आलू की फसल की समीक्षा के दौरान किसान अगर कुछ बातों पर ध्यान दें तो किसानों को अनुपयोगी और अच्छी गुणवत्ता वाली उपज मिलेगी। जिससे किसानों की लागत में भी कमी आएगी।

जिला उद्यान अधिकारी पुनीश कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि जिला उद्यान आलू मुख्य बाजार में से एक है। जिले में 15000 हेक्टेयर में आलू की फसल उगती है। यहां करीब 5.5 लाख टन आलू का उत्पादन होता है। जिले में 2.5 टन आलू भंडार की क्षमता है। किसान अगर आलू की रोपाई के समय कुछ सावधानी बरत लें तो किसानों को अच्छी गुणवत्ता की उपज मिलेगी। किसान 300 से 350 टन आलू का उत्पादन आसानी से कर सकते हैं।

खेत की तैयारी कैसे करें?
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि आलू की फसल की कटाई से पहले खेत की गहराई तक जाएं। मिट्टी को भुरभुरा बना लें. उसके बाद 25 टन गोबर की साडी हुई खाद को मिट्टी में मिलाकर अंतिम जुताई कर खेत को समतल कर लें ताकि खेत में जल भराव न हो, जल उपज बेहतर रहे।

बीज शोधन अत्यंत आवश्यक
पुनी कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि खेत की तैयारी के बाद किसान बीज शोधन जरूर करें, बीज शोधन से फंगस रोग से बचाव हो सकता है। बीज शोधन के लिए किसान 0.02 ग्राम मैंकोजेब (मैन्कोजेब 75% WP) को प्रति लीटर पानी में ग्लूकोज़ आलू के कटे या साबुत आलू को 10 मिनट तक डुबोएं। उसके बाद छाया लें के नीचे सुखा लें, बीज शोध के बाद आलू के खेत में बोया जा सकता है।

मात्रा मात्रा में संख्या?
पुनी कुमार पाठक ने बताया कि आलू के अच्छे उत्पादन के लिए बाजारों का भी महत्वपूर्ण रोल रहता है। किसान आलू की फसल की शूटिंग का समय 100 से 150 लॉन्ग लार्ज, 45 से 60 रिजॉर्ट और 100 से 60 रिजॉर्ट प्रति खेत में लगाया गया। ध्यान रखें की आधी मात्रा बेसल खुराक में और शेष आधी मात्रा शक्ति के 25 से 27 दिन बाद दी गई।

तराजू का तुरंत समाधान करें
पुनी कुमार पाठक ने बताया कि आलू की फसल में आलू की फसल भी एक बड़ी समस्या है। आलू की फसल की संरचना के तुरंत बाद पेंडिमेथिलीन (पेंडिमेथेलिन) नाम का रासायनिक स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जाता है। किसान 500 मिली से 1 लीटर दवा का सामाग्री बना सकते हैं। जिस खेत में तरबूज़ नहीं उगेंगे।

आलू की खेती कैसे करें?
पुनी कुमार पाठक ने बताया कि आलू की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मिनी स्प्रिंकलर से सींच करने के बजाय किसान पारंपरिक तरीके से सींच करें। ऐसा करने से जल संरक्षण होगा। इसके अलावा आलू की फसल में अगेती झुलसा रोग और पचेती झुलसा रोग से भी बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं मिनी स्प्रिंकलर से सींच करने से आलू का साइज बड़ा होगा, अच्छी क्वालिटी वाला आलू पैदा होगा। आलू में मिट्टी नहीं चिपकती, वजह से बाजार में अच्छा भाव मिलेगा। खास बात यह है कि मिनी स्प्रिंकलर से सींच करने से 10 से 15% तक उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।

2 ग्राम इस औषधि का नुस्खा
जिला उद्यान अधिकारी पूनीत कुमार पाठक ने बताया कि यदि आलू में झुलसा रोग आ जाए तो 2 ग्राम मैंकोजेब (मैन्कोजेब 75% WP) प्रति लीटर पानी में लौंग के बीजों से बना कर दें। जिससे झुलसे रोग पर नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।

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