बाबा ने आश्रम में शिष्या से बनाए संबंध, आश्रम में भी शामिल होने का आरोप, अब कोर्ट ने तय किया आरोप – बाबा दाती महाराज पर महिला शिष्या से रेप, 2 भाईयों पर लगा आरोप कोर्ट ने आईपीसी की धारा 376 377 के तहत आरोप तय किए
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो अनुयायियों अशोक और अर्जुन का संकट आने वाले समय में बढ़ रहा है। दाती महाराज और उनके समर्थकों के खिलाफ, अन्नुचूरल से आरोपियों और आपराधिक तरीकों से खतरनाक आरोप तय किया गया है। दाती महाराज के एक और भाई अनिल पर मुक़दमा दर्ज करने का आरोप लगाया गया है। दाती महाराज पर उनके शिष्यों के खिलाफ एक महिला ने आश्रम में कब्जा करने का आरोप लगाया था।
फ़्रैशियल सेशन जज (क्रिस्टल फ़ा स्टार्स ट्रैक कोर्ट) की अदालत ने नियो पर आरोप तय किया है। कोर्ट की ओर से आरोप तय होने के बाद चौथे ने खुद को निर्दोष बताया। अदालत ने साक्ष्य पेश करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की है। दलालों के वकील प्रदीप तिवारी ने बताया कि अदालत ने दाती महाराज नी मदन लाल राजस्थानी और उनके सहयोगियों अशोक और अर्जुन के खिलाफ धारा 376 (प्रतिनिधि), 377 (अन्नइचुरल से जनसंपर्क), 506 (आपराधिक धमकी दी) समेत मित्र से संबंध के तहत आरोप लगाया है। तय किया गया है.
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6 साल पहले दी थी शिकायत
दाती महाराज के एक शिष्य स्वयंभू बाबा और उनके तीन अनुयायियों (अशोक, अनिल और अर्जुन) के खिलाफ दक्षिण दिल्ली के मुजफ्फरनगर बेरी पुलिस स्टेशन में 7 जून 2018 को शिकायत दी गई थी। इसके बाद 11 जून को डॉक्यूमेंट्री दर्ज की गई थी। पुलिस ने 22 जून को दाती से दिल्ली और राजस्थान में अपने आश्रमों में शिष्या से बलात्कार करने का आरोप लगाया है। यह मामला इसके बाद ऑटोमोबाइल्स को स्थापित किया गया था। शोरूम में 1 अक्टूबर को अनपेक्षित स्थान स्थापित किया गया था।
सी.बी.आई. को मामले से बाहर कर दिया गया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को इस मामले को सूचीबद्ध किया था। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने किस तरह से कर्मचारियों से पूछताछ की। एजेंसी ने 9 जनवरी 2016 को गाजियाबाद स्थित आश्रम में 25 वर्षीय महिला से दुष्कर्म और दुष्कर्म के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए दाती और उसके तीन साथियों के खिलाफ 26 अक्टूबर को सख्ती दर्ज कराई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय को आदेश दिया
उच्च न्यायालय के तीन अक्टूबर के आदेश के अनुसार दाती की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में शुरू की गई थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें याचिका के साथ उच्च न्यायालय जाने को कहा था। 14 नवंबर 2018 को फ़्रांसीसी उच्च न्यायालय ने दाती महाराज की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद इस केस में 4 सितंबर 2020 को एक प्लाईमेंट्री रोल आउट किया गया था।
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पहले प्रकाशित : 21 सितंबर, 2024, 20:33 IST