दिल्ली में चाकू घोंपकर किशोरी की मौत – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव
अपराध डेमो
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साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में चोरों के दो गुटों के बीच सरेराह खूनी खेल खेला गया। दोनों तरफ से कई-कई किशोर थे। सभी के हाथ में चाकू थे। ये खूनी खेल सरेराह आधे घंटे से ज्यादा समय तक चला, मगर संगम विहार पुलिस को इसकी गंदगी तक नहीं लगी। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गैंगवार में हुई किशोरी की हत्या की गुत्थी को दो घंटे में लूटने का दावा करते हुए पांच चोरियों को पकड़ा है। संगम विहार में अपने गिरोह के सदस्यों को बढ़ाने के लिए येवार गिरोह का उदय हुआ था। पुलिस ने दुनिया भर में इस्तेमाल किए गए खोखे, खून से सने कपड़े और जूते बरामद किए हैं।
क्राइम ब्रांच पुलिस राकेश पावरिया के अनुसार, संगम विहार थाना क्षेत्र में 20 सितंबर को शाम 6:00 बजे संडे मार्केट रोड पर दो किशोर डायनामिक के बीच जोरदार हंगामा हुआ। एक गैंग में पांच से छह किशोर थे, जबकि दूसरे में चार से पांच किशोर थे। सभी के पास चाकू थे। गैंगवार के दौरान एक किशोर को 15 से अधिक बार चाकू मार दिया गया। अस्पताल में इस किशोर की मौत हो गई।
एक और किशोर घायल हो गया। उसका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। घायल किशोर की शिकायत पर तिगड़ी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। दूसरी तरफ मामले की सूची और लोगों की राय को देखते हुए शाखा में एसीपी एसीपी नरेशपुर की टीम में इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया की टीम को प्रमुखता से पेश किया गया।
विजय पाल दहिया के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दो घंटे में ही इस केस को सुलझा लिया और पांच दुकानों पर कब्जा कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि यह गैंगवार हत्या इस्लाम और हरिकृष्ण के नेतृत्व वाले दो स्थानीय गिरोहों के बीच प्रतिद्वंदिता का नतीजा था। मृतक और किशोर किशोर इस्लाम के सहयोगी हैं। इस्लाम हत्या का प्रयास, डकैती और हथियार अधिनियम के उल्लंघन के कई मामलों में एक स्थानीय अपराधी शामिल है। वह प्रयोगशाला में काम करता है। पकड़ा गया किशोर एक अन्य स्थानीय अपराधी हरिकिशन से जुड़ा था, जो वर्तमान में हत्या के आरोप में जेल में बंद है। मृत व घायल किशोर को अगस्त में बालसुधार गृह से रिहा किया गया था।
हत्या के मामले में थे जेल में
उदाहरण के तौर पर छह महीने पहले हुई एक किशोरी की हत्या में पकड़ा गया था। छह महीने पहले हुई हत्या का बदला लेने के लिए कट्टरपंथियों पर हमला किया गया था। साथ ही कलाकार का उद्देश्य क्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित करना था। सभी किशोर 17 वर्ष से कम आयु के हैं। उनके पास से खून से सने कपड़े, अपराध का हथियार (चाकू) और खिलौने बरामद हुए हैं।