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डेंगू में भूलकर भी न खाएं ये 3 दवाएं, औंधे मुंह गिरेगा प्लेटलेट काउंट, ब्लीडिंग का बढ़ जाएगा खतरा !

डेंगू बुखार की दवाओं की सूची: बारिश का मौसम इस बार लंबा चल रहा है और इससे मच्छरों से होने वाली बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं. इन दिनों डेंगू का कहर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. राजधानी दिल्ली में पिछले 7 दिनों में डेंगू के 300 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. डेंगू फीवर बेहद खतरनाक होता है और इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो मौत भी हो सकती है. डेंगू फीवर के लक्षण वायरल जैसे होते हैं और लोग कंफ्यूजन में वायरल फीवर वाली दवाइयां डेंगू फीवर में खाने लगते हैं. हालांकि ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है.

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट और सीनियर फिजीशियन डॉ. अनिल बंसल ने News18 को बताया कि डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू का इंफेक्शन होने पर लोगों को तेज बुखार, सिरदर्द, बॉडी पेन और सांस फूलने जैसे लक्षण नजर आते हैं. डेंगू में लोगों के खून का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है. अगर प्लेटलेट काउंट बहुत ज्यादा गिर जाए, तो इससे इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है और व्यक्ति की मौत हो सकती है. ऐसे में लोगों को डेंगू के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज करवाना चाहिए.

अचानक बुखार आने लगे, तो कौन सी दवा लें?

डॉक्टर की मानें तो अगर लोगों को अचानक बुखार आ जाए, तो पैरासिटामोल दवा लेनी चाहिए. किसी भी तरह का बुखार हो, यह दवा सुरक्षित मानी जाती है. अगर आपको पैरासिटामोल लेने के बावजूद 2-3 दिनों तक बुखार आ रहा है, तो तुरंत डेंगू की जांच करानी चाहिए. डेंगू पॉजिटिव निकले, तो खुद इलाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. कई लोग डेंगू होने पर एंटीबाोटिक दवाएं लेना शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से उन्हें नुकसान हो सकता है. डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है और इसमें एंटीबायोटिक दवा लेने से फायदा नहीं होता है.

डेंगू में इन दवाओं को लेना नुकसानदायक

डॉ. अनिल बंसल ने बताया कि डेंगू के मरीजों को एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और पेनकिलर्स नहीं लेने चाहिए. ये तीनों दवाएं डेंगू की कंडीशन में परेशानी पैदा कर सकती हैं और इन दवाओं को लेने से प्लेटलेट काउंट घट सकता है. डेंगू में लक्षणों के अनुसार इलाज किया जाता है और डॉक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार दवाएं देते हैं. डेंगू के हल्के लक्षणों को पैरासिटामोल के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. ठंडे पानी की स्पॉन्जिंग से भी डेंगू फीवर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. स्पॉन्जिंग यानी ठंडे पानी में रूमाल या कोई कपड़ा भिगोकर शरीर को पोंछना. डेंगू के मरीजों को डॉक्टर के कॉन्टेक्ट में रहना चाहिए.

डेंगू से राहत पाने में इस तरह की डाइट फायदेमंद

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो डेंगू के मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए और डाइट में फ्लूड लेना चाहिए. डेंगू से राहत पाने के लिए फलों का सेवन करना चाहिए. डेंगू के मरीजों के लिए दलिया, खिचड़ी या सूप पीना फायदेमंद होता है. ताजा फलों का जूस भी पीया जा सकता है. इसके अलावा अगर डेंगू से बचने की बात की जाए, तो मच्छरों से बचाव करना बेहद जरूरी है. अपने घरों के आसपास पानी न जमा होने दें. नियमित रूप से घर में कंटेनरों को खाली और साफ करें और बाथरूम के अंदर पानी की बाल्टियां रखने से बचें. मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम लगाएं. डेंगू के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत जांच कराएं.

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