modi govt to borrow above 6 lakh crore via dated securities including sovereign green bonds detail is here ₹6.61 लाख करोड़ कर्ज जुटाएगी केंद्र सरकार, ये है अगले 6 महीने का प्लान, बिज़नेस न्यूज़
केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट में निर्धारित 14.01 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस मार्केट डेट यानी बाजार कर्ज में से 6.61 लाख करोड़ रुपये (47.2 प्रतिशत) दूसरी छमाही में सिक्योरिटीज जारी कर जुटाने की योजना है। इसमें 20,000 करोड़ रुपये के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबी) भी शामिल हैं।
कैसे जुटाई जाएगी रकम
मंत्रालय ने कहा कि 21 साप्ताहिक नीलामियों के जरिये 6.61 लाख करोड़ रुपये की ग्रॉस मार्केट डेट जुटाई जाएगी। बाजार उधारी तीन, पांच, सात, 10, 15, 30, 40 एवं 50 साल की सिक्योरिटीज में फैली होगी। इनमें तीन साल की मैच्योरिटी अवधि वाले कर्ज की हिस्सेदारी सबसे कम 5.3 प्रतिशत होगी जबकि 10 वर्ष की अवधि वाली सिक्योरिटीज का हिस्सा सर्वाधिक 24.8 प्रतिशत होगा। सरकार ने कहा कि नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक सिक्योरिटी के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी कर 19,000 करोड़ रुपये की उधारी जुटाए जाने की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष का लक्ष्य
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 14.01 लाख करोड़ रुपये की ग्रॉस मार्केट डेट यानी बाजार उधारी में से 7.4 लाख करोड़ रुपये यानी 52.8 प्रतिशत पहली छमाही में जुटाए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रॉस डेट अनुमान 15.43 लाख करोड़ रुपये था जो अबतक का सबसे अधिक था।
10 अक्टूबर से शुरू होगा बजट-पूर्व बैठकों का दौर
वित्त मंत्रालय अगले वित्त वर्ष के लिए अपनी समीक्षा बैठकों का दौर 10 अक्टूबर से शुरू करेगा। वित्त मंत्रालय इस दौरान छह मंत्रालयों एवं विभागों की बजट-पूर्व समीक्षा करेगा। इनमें नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भी शामिल होंगे। इन समीक्षा बैठकों का सिलसिला 10 अक्टूबर से शुरू होकर 11 नवंबर तक चलेगा। इसका समापन रेल मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की समीक्षा के साथ होगा। इस दौरान अगले वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटन को तय करने के साथ चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।