बंगाल में फिर से जूनियर डॉक्टर्स पर हमला, मरीज़ के फ़ासिले की ओर से फ़्राईज़ पर भड़के
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के सरकादरी सागर स्टाफ हॉस्पिटल में मरीज़ के हॉस्टल के ओर से कर्मचारियों पर हमला करने का आरोप है। इसके खिलाफ जूनियर डॉक्टरों और नर्सों ने ‘काम बंद करो’ का प्रदर्शन शनिवार को भी जारी किया। कोलकाता के निकट घाट स्थित अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई। इस पर उनके एंजेल की ओर से कर्मचारियों की तारीफ की गई। इससे पहले बुधवार देर रात ‘काम बंद करो’ का प्रदर्शन शुरू हुआ था।
जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इस घटना में 3 जूनियर डॉक्टर, 3 नर्स और स्वास्थ्य कर्मी घायल हो गए। दुर्घटना के बाद कनिष्ठ ग्राहकों और नर्सों ने ‘काम बंद करो’ लेकर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। उन्होंने बताया कि मरीज एक अधेड़ उम्र की महिला थी। उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या थी और उनकी हालत भी गंभीर थी। नर्स ने कहा, ‘मैरिज को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसका हाल ठीक नहीं था. स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें ऑक्सीजन देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।’
‘मौके पर पुलिस मौजूद थी, फिर भी…’
नर्स ने बताया कि यहां पुलिस मौजूद थी, इसके बावजूद 15-20 नाबालिग महिलाओं को बंधक बना लिया गया और वहां अन्य गरीबों का इलाज कर रखा गया और कई नर्सों पर हमला कर दिया गया। जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘हम कॉन्स्टेंट रोगी विभाग (ओपीडी) और अस्पताल के वार्ड में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इस घटना से फिर यह साबित हो गया है कि राज्य प्रशासन अभी भी हमारी सुरक्षा की मांग नहीं कर रहा है। जब तक पर्याप्त सुरक्षा की हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक ‘काम बंद’ जारी रहेगा।’
‘अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ाई गई’
बराकपुर पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने कमरहाटी पुलिस स्टेशन में इस घटना की शिकायत दर्ज की है और जांच जारी की है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस दल अस्पताल के मुख्य द्वारपाल पर निगरानी रख रहा है। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के सदस्य अनिकेत महतो ने कहा, ‘हमने पहले भी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। जब तक सरकार सक्रिय कदम नहीं उठाएगी तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।’