Skin Treatment: डर्मल फिलर्स सिकुड़ी त्वचा के खोए वॉल्यूम को लाए वापस, रिंकल्स भी घटाए, जानें Type फायदे और सावधानियां
डर्मल फिलर्स क्या है: आजकल स्किन ट्रीटमेंट (Skin treatment) में कई ऐसी नई-नई तकनीक आ गई है, जो कम समय और कम खर्च में ही त्वचा की कई समस्याओं को कुछ ही दिनों में दूर कर देती हैं. कम उम्र में झुर्रियां हो गई हों, चेहरे का शेप-साइज सुधारना हो या फिर खोए हुए वॉल्यूम को वापस लाना हो, आप डर्मल फिलर्स से इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. क्या है ये डर्मल फिलर, कैसे करता है असर, तरीका, फायदे-नुकसान, सावधानियां क्या हैं, यहां बता रही हैं फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड, मुंबई की कंसल्टेंट डर्मटोलॉजिस्ट एंड कॉस्मेटिक्स डर्मटोलॉजिस्ट डॉ. स्मृति नासवा सिंह.
क्या है डर्मल फिलर्स? (What is Dermal Fillers)
डर्मल फिलर्स एक नॉन-सर्जिकल कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है, जो चेहरे के फीचर्स को नया आकार देने और बढ़ती उम्र के निशान जैसे झुर्रियों को कम करता है. इसका इस्तेमाल चेहरे की त्वचा को फिर से जवां और ताजगी देने के लिए किया जाता है. डर्मल फिलर्स चेहरे पर खोए हुए वॉल्यूम को वापस लाने, झुर्रियों को भरने और चेहरे के आकार को सुधारने में मदद करते हैं. ये फिलर्स अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जैसे हायल्यूरोनिक एसिड (जो हमारी त्वचा में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है), कैल्शियम हाइड्रॉक्सिलैपाटाइट, और पॉली-एल-लैक्टिक एसिड. ये सभी सामग्री सेफ और त्वचा के लिए अनुकूल मानी जाती हैं.
डर्मल फिलर्स के प्रकार (Types of Dermal Fillers)
डर्मल फिलर्स कई प्रकार के होते हैं, जिनका उपयोग विशेष सौंदर्य समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है. इनमें से प्रमुख प्रकार हैं:
• हयालूरोनिक एसिड (एचए) फिलर्स: ये सबसे कॉमन और लोकप्रिय फिलर्स होते हैं. हायल्यूरोनिक एसिड त्वचा में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. यह नमी को बनाए रखने में मदद करता है. इन्हें होंठ, गाल, और आंखों के नीचे की जगहों को भरने और वॉल्यूम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
• कैल्शियम हाइड्रॉक्सिलैपाटाइट फिलर्स (CaHA): यह फिलर एक मिनरल जैसा पदार्थ होता है, जो हड्डियों में पाया जाता है. इसका उपयोग गहरी झुर्रियों और चेहरे की बनावट में सुधार के लिए किया जाता है. यह एचए फिलर्स की तुलना में अधिक मोटा होता है.
• पॉली-एल-लैक्टिक एसिड फिलर्स: ये फिलर्स शरीर को प्राकृतिक रूप से कोलेजन बनाने में मदद करते हैं. इन्हें अक्सर गहरी झुर्रियों और सिलवटों को ठीक करने के लिए लगाया जाता है. इसके परिणाम धीरे-धीरे दिखाई देते हैं.
• पॉलीमिथाइलमेथैक्रिलेट (पीएमएमए) भराव: यह फिलर त्वचा में छोटे-छोटे बीड्स छोड़ता है, जिससे लंबे समय तक स्थायी परिणाम मिलते हैं. इसका उपयोग निशानों और गहरी झुर्रियों के इलाज के लिए किया जाता है. ये सभी फिलर्स त्वचा को बेहतर और जवां दिखाने में मदद करते हैं.
इंजेक्टेबल फिलर्स के फायदे
मिलता है जल्दी परिणाम: इस प्रक्रिया के तुरंत बाद ही अधिकतर लोग अपनी त्वचा में सुधार महसूस करते हैं.
नहीं पड़ती सर्जरी की जरूरत: यह एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें चीरे या टांके लगाने की जरूरत नहीं होती.
मिलता है बेस्ट लुक: हर व्यक्ति के चेहरे की संरचना और पसंद के अनुसार फिलर्स को कस्टमाइज किया जा सकता है.
कम समय में रिकवरी: फिलर्स लेने के बाद आप जल्द ही अपनी डेली लाइफ के रूटीन कार्यों, गतिविधियों में वापस लौट सकते हैं.
डर्मल फिलर्स से संभावित समस्याएं
• इंजेक्शन वाली जगह पर रेडनेस और सूजन: फिलर लगाने के बाद त्वचा में हल्की रेडनेस और सूजन हो सकती है, जो कुछ दिनों में सामान्य हो जाती है.
• थोड़ी असुविधा: इंजेक्शन के बाद हल्की खरोंच या असुविधा हो सकती है, जो आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाती है.
• एलर्जी: कुछ मामलों में लोगों को एलर्जी हो सकती है, लेकिन यह दुर्लभ है.
• गांठें या उभार: अगर इंजेक्शन सही से न लगे तो त्वचा के नीचे हल्की गांठ या उभार बन सकते हैं.
• इन्फेक्शन का खतरा: बहुत कम मामलों में, इंजेक्शन की जगह पर इन्फेक्शन हो सकता है, लेकिन यह काफी दुर्लभ है.
डर्मल फिलर ट्रीटमेंट के बाद कुछ सावधानियां:
• तेज शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए. 24 से 48 घंटों तक एक्सरसाइज या गर्मी के ज्यादा संपर्क में आने से भी बचें.
• जब तक डॉक्टर न कहें, ट्रीटमेंट वाली जगह को बार-बार छूने या मालिश करने से बचें.
• ठंडे सेक का इस्तेमाल करें. सूजन कम करने के लिए ठंडे सेक का इस्तेमाल करें. भरपूर पानी पिएं.
• शराब और खून पतला करने वाली दवाओं से बचें. चोट और सूजन से बचने के लिए 24 घंटे तक शराब और खून पतला करने वाली दवाओं से दूरी बनाएं.
डर्मल फिलर्स कितने समय तक चलते हैं?
डर्मल फिलर्स कितने समय तक टिकते हैं, यह फिलर के प्रकार और जिस हिस्से का ट्रीटमेंट किया गया है, उस पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, कैल्शियम हाइड्रॉक्सिलैपाटाइट और पॉली-एल-लैक्टिक एसिड फिलर्स की मियाद लगभग दो साल तक होती है. वहीं, हायल्यूरोनिक एसिड फिलर्स आमतौर पर 6 से 18 महीने तक रहते हैं.
वहीं, पीएमएमए जैसे सेमी-परमानेंट फिलर्स कई वर्षों तक टिक सकते हैं. कुल मिलाकर, डर्मल फिलर्स चेहरे को बेहतर आकार देने और उम्र के निशान कम करने के लिए एक असरदार तरीका है. इसमें सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती. अगर आप इस प्रक्रिया के फायदे, जोखिम और सावधानियों को ध्यान में रखकर फैसला करते हैं, तो आपको नेचुरल लुक के साथ शानदार परिणाम मिल सकते हैं.
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पहले प्रकाशित : 29 सितंबर, 2024, 11:50 अपराह्न IST