महाराष्ट्र में गाय को मिला ‘राज्य माता’ का दर्जा, चुनाव से ठीक पहले एकनाथ शिंदे सरकार का फैसला
महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले ठीक है इस जज को हिंदुत्व के नाम पर लोगों को चिन्हित करने वाला माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि भारत की संस्कृति और हिंदुत्व में गाय की महिमा सबसे बड़ी है। इसलिए गाय का संरक्षण किया जाएगा। इसलिए उसे राज्य माता का दर्जा दिया जा रहा है। इसकी घोषणा करते हुए डिप्टी सीएम गैंग के सदस्यों ने कहा, ‘देसी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं। इसलिए हमने उन्हें राज्य माता का प्रस्ताव का निर्णय लिया है। इसमें यह भी तय किया गया है कि गिरजाघरों में वस्त्रों के संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।’ सरकार प्रति दिन 50 रुपये का डिस्काउंट ऑफर जारी करने के लिए।
इस संबंध में राज्य के नामकरण विकास विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। कहा गया है कि प्राचीन काल में ही भारत के लोगों की जीवनशैली का अहम स्थान रहा है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि गाय का वैज्ञानिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसी गाय को कामधेनु कहा जा रहा है। मराठा वेव्स में देसी नस्लें मौजूद हैं, जैसे- मराठा वेव्स में देवनी और लाल कंधारी। इसके अलावा पश्चिम महाराष्ट्र में खिल्लर और उत्तर महाराष्ट्र में डांगी नस्ल की गायें हैं।
कंपनी विभाग ने अपने आदेश में कहा कि राज्य में तेजी से देसी किसानों की नस्ल कम हो रही है। इसलिए यह जरूरी है कि उनकी सुरक्षा की जाए। विभाग की ओर से कहा गया है कि देसी गाय की हमारी कंपनी में भी महत्ता बनी हुई है। घी से लेकर गोबर, मूत्र तक का उपयोग आयुर्वेद में बताया गया है। इसलिए गाय को हम राज्य माता का दर्जा दे रहे हैं। सरकार ने एक स्कैलब को भी उजागर कर दिया।