‘5 बच्चे बचाए फिर भी…’, एक पिता के छलका दर्द के बाद, बताया गया कि उस रात क्या हुआ था
ऍन.जी. यूपी में महोबा के रहने वाले एक मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में एक प्रोफेसर का नवजात बेटा इस अग्निकांड में झुलसकर घायल हो गया था। महोबा में रहने वाले इस सैक्स से जब न्यूज 18 ने बातचीत की तो इसके बाद इस युवा युवा ने बताया कि जब आग लगी तो उसने वार्ड में अपने बच्चे को सलाह देना शुरू कर दिया। उसका खुद का बच्चा तो नहीं मिला लेकिन उसने पांच बच्चों को वार्ड से निकालकर सुरक्षित पहुंचा दिया। युवक ने आगे बताया कि मेरी पत्नी का पिछले तीन दिनों से प्रेग्नेंट होने के बाद वह अस्पताल में जमीन पर लेटी थी, लेकिन बेड तक नहीं मिला।
वहीं इस मरीज की बीमार पत्नी के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन इलाज के लिए एक बिस्तर तक उपलब्ध नहीं करवा पाया। बेटे को जन्म देने के बाद इस युवा की पत्नी अब खुद बीमारी से उबर रही है और पिछले तीन दिन से जमीन पर लेट गई है। ठंड का मौसम है, प्रसव के बाद महिलाओं को अस्पताल में बिस्तर पर रखा जाता है और बेहतर गुणवत्ता, बेहतर इलाज दिया जाता है, लेकिन इस विशेषज्ञ के साथ क्या हो रहा है, यह रियलिटी चेक न्यूज़ 18 ने जारी किया है।
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शासन द्वारा अग्निकांड की जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया
वहीं अग्नि कांड के कमिश्नर जनरल और साहिल की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट प्रशासन द्वारा जारी की गई है। आधिकारिक के अनुसार, वर्ड के स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। जांच रिपोर्ट में केस के बारे में बताया गया है। शॉर्ट सर्किट की वजह अग्निशमन विभाग की जांच में साफ होगी। आगे बताया गया है कि अग्निशामक यंत्र से आग बुझाने का प्रयास हुआ था। स्विच बोर्ड ज्वलनशील पदार्थ का था.
वहीं बोर्ड की ओर से आग लगने के कारण वार्ड में नर्स के पैर को भी जला दिया गया। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से इलेक्ट्रिकल ओवरलोड हो सकता है। घटना के समय सिर्फ मेडिकल स्टॉफ ही शब्द के अंदर था। रात 10:26 पर आग लगने की बात सामने आई थी। आग़ाज़िस्तान की कोशिश के 3 मिनट बाद फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। कॉल के 8 मिनट बाद फायर ब्रिगेड की दुकान पर धमाका हुआ। 9 मिनट के अंदर यूपी 112 पर कॉल की गई।
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पहले प्रकाशित : 17 नवंबर, 2024, 21:08 IST