शरद पवार की मनाही के बावजूद कांग्रेस नहीं आ रही है, अब पूर्व सीएम ने एमवीए में शामिल किया
एमवी के अन्य घटक शास्त्र के नेताओं ने नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की घोषणा की है, बावजूद इसके कांग्रेस के नेता मान रहे हैं और रह रहे हैं कि इस बात पर दे रहे हैं कि उनकी पार्टी प्रमुख पद के उम्मीदवार जीतेगी और सीएम पद पर एक ही नेता होंगे।
महाराष्ट्र के गठबंधन गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में राह-रहकर कांग्रेस नेता अपनी पार्टी से लेकर मुख्यमंत्री बनने का दावा कर गठबंधन के घटक दलों को मुश्किलों में डाल रहे हैं। इस बार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वी चौहान ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस आगामी चुनाव में महाराष्ट्र में नामांकन की सफलता को दोहराएगी और राज्य के अगले मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी से होंगे। पूर्व सीएम ने विश्वास अंबानी की फ्रेंचाइजी महा विकास अघाड़ी 288 स्कैलप असेंबली में 180 से अधिक मूर्तियां जीतेगी और सरकार बनाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “कांग्रेस ने हाल के चुनावों में महाराष्ट्र में प्रमुख महंतों की भूमिका निभाई है और वह विधानसभा चुनावों में भी अपना प्रदर्शन करेंगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी से होंगे।” उन्होंने यह बयान मुंबई से करीब 275 किलोमीटर दूर पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा में पार्टी के एक कार्यक्रम में दिया।
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद राव) और विपक्षी पार्टी (यूबीटी) भी शामिल हैं, ने महाराष्ट्र के 48 नामांकन नामांकन में से 30 की शुरुआत की थी। इनमें से अकेले कांग्रेस ने 13 पवित्र मूर्तियाँ और भूखण्ड वह अंक का पात्र पार करने वाली एकमात्र पार्टी थी। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 2019 में सिर्फ एक सीट ली थी।
दूसरी तरफ एमवीए के अन्य घटक दलों के नेताओं ने नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की घोषणा कर दी है, बावजूद इसके कांग्रेस के नेता मान रहे हैं और रह रहे हैं कि इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि होंगे और मुख्यमंत्री पद पर के नेता होंगे। चव्हाण भी इस सीक्वल में शामिल हुए थे। उन्होंने जोर देकर कहा, “लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है। लोकसभा चुनाव में एमवी द्वारा 65 प्रतिशत नामांकन के आधार पर चुनाव लड़ा गया था, गठबंधन चुनाव में 183 या उससे अधिक बढ़त जीतेगा।”
इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस विदर्भ क्षेत्र में अपनी पकड़ फिर से हासिल कर लेगी, जहां से भाजपा युवाओं की एक प्रमुख राजनीतिक ताकत बनी हुई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस विदर्भ में जीत दर्ज करने जा रही है।” पूर्वोत्तर का लाभ मांग रहे मराठा क्षेत्र के दलित, मुस्लिम और राष्ट्रीय जनता ने नोमेन चुनाव में (महायुति या भाजपा ने नीतीश कुमार के पिछड़े को) हरा दिया है।”
बता दें कि दो हफ्ते पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने भी कहा था कि उनके 100 विश्वासपात्र राज्य के अगले मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होंगे। थोराट के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस को रिपब्लिकन गठबंधन में “बैट भाई” की भूमिका से बचना चाहिए। सितंबर की शुरुआत में शरद पवार ने कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले सीएम को किसी की घोषणा करने की जरूरत नहीं है। वकील ने कहा कि सीएम पद के उम्मीदवार का फैसला इस आधार पर किया गया है कि गठबंधन में कौन सी पार्टी प्रमुखता से जीतती है, इसके बावजूद कांग्रेस का दावा जारी है। इससे पहले भी गठबंधन में सीएम फेस का ऐलान चाहा गया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।