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Pagalia Temple: विज्ञान के जामाने में धर्म का आधार, भभूत लगाकर हो रहा लकवे का इलाज, पगलिया मंदिर में मरीजों की भीड़

एजेंसी:News18 राजस्थान

आखरी अपडेट:

Pagalia Temple: नागौर के पगलिया वाले बाबा के मंदिर में लकवा ग्रस्त मरीज 7 दिन भभूत लगाने से ठीक होते हैं. मंदिर में रहने और खाने की सुविधाएं हैं. भक्त राम कुमार ने चमत्कारिक सुधार का अनुभव किया.

एक्स

फागी

पगलया वाले बाबा का धुना

हाइलाइट्स

  • नागौर के पगलिया बाबा मंदिर में ठीक होते हैं लकवा ग्रस्त मरीज
  • मंदिर में 7 दिन भभूत लगाने से मरीजों को मिलती है राहत
  • मंदिर में उपलब्ध है रहने और खाने की सुविधाएं

नागौर. लकवा ग्रस्त और शारीरिक रूप से दिव्यांग मरीजों के लिए नागौर में एक चमत्कारी मंदिर है. नावां शहर से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर पगलिया वाले बाबा का मंदिर है, जहां लकवा ग्रस्त मरीज बड़ी संख्या में आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के सामने लगातार 7 दिन तक जल रहे धोणे की भभूत लगाने से मरीज ठीक होना शुरू हो जाता है.

मंदिर में पीड़ित मरीज के रुकने का इंतजाम
यह मंदिर नावां झील के किनारे स्थित है और नरायणा धाम नरेना से संबंधित दादू संप्रदाय का है. मंदिर के चारों ओर दीवार है और यह बड़े भूभाग में फैला हुआ है. मरीजों के लिए भवन भी बने हुए हैं और खाने-पीने की सभी सुविधाएं मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं. इस मंदिर में पीड़ित मरीज लंबे समय तक रुक सकते हैं. मंदिर के एक हिस्से में गौशाला भी है, जहां सैकड़ों गायें रहती हैं. गौशाला का संचालन भी मंदिर कमेटी द्वारा ही किया जाता है.

मंदिर का अनोखा चमत्कार
लकवा होने पर मरीज के परिवार पगलिया वाले बाबा के मंदिर आते हैं और यहां मन्नत मांगते हैं. सुबह-शाम की आरती में शामिल होते हैं और मरीज के शरीर पर भभूत लगाते हैं. ऐसा लगातार 7 दिन तक करने से चमत्कारिक रूप से मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगता है. मान्यता है कि यहां आने से लकवा ग्रस्त मरीज ठीक हो जाते हैं. पगलिया वाले बाबा के मंदिर पर दूर-दूर से लोग लकवा ग्रस्त मरीजों को लेकर आते हैं और मन्नत मांगते हैं.

भक्त ने बताया चमत्कार
बीकानेर से आए भक्त राम कुमार ने बताया कि उन्हें 2 साल पहले लकवा हो गया था. उन्होंने कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तब उनके दोस्त ने पगलिया वाले बाबा के मंदिर जाने की सलाह दी. अगले दिन वे अपने दोस्त के साथ मंदिर आए. मंदिर में आने के बाद उन्हें कुछ पॉजिटिव महसूस हुआ. उन्होंने 7 दिन मंदिर में बिताए और रोज आरती में शामिल हुए. इसके बाद चमत्कारिक रूप से असर हुआ और धीरे-धीरे उनका लकवा ठीक होने लगा. राम कुमार ने बताया कि वे पांचवीं बार मंदिर आ रहे हैं.

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