पंजाब

लोकतंत्र या नोट तंत्र, पंजाब में सरपंच पद की 2 करोड़ की कमाई; चुनाव आयोग ने 24 घंटे की वैधानिक रिपोर्ट जारी की

ये सोसायटी पंजाब के गुरदासपुर के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद की हुई है। हरदोवाल कलां जिले में सबसे बड़ा है। यहां सरपंच पद के लिए आयोजित फिल्म में 50 लाख रुपये की बोली लगने लगी है, जिसमें स्थानीय बीजेपी नेता आत्मा सिंह ने 2 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।

प्रमोद प्रवीण लाइव हिंदुस्तानचंडीगढ़मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 04:25 अपराह्न
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पंजाब में ग्राम पंचायत चुनाव हो रहे हैं। इस बीच गुरदासपुर जिले के एक गांव में सरपंच पद के लिए हुई नीलामी में 2 करोड़ रुपये की बोली लगी है। इसकी खबर राज्य चुनाव आयोग ने इसे नामांकन से लिया है। आयोग ने राज्य के सभी नामांकन-सह-जिला चुनाव अधिकारियों से इस संबंध में 24 घंटे की विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। पंजाब राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने बताया कि बड़े लोकतांत्रिक संप्रदाय के तहत इस तरह की प्रक्रिया के कानूनी और नैतिक मूल्यों की जांच के लिए राज्य चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाएं।

उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के सभी उप-आयुक्त-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने कपड़े में ऐसी किसी भी विशेष घटना की सूचना दें, जो पूरी तरह से प्रक्रिया में हो। अवलोकन करें और 24 घंटों के अंदर के दस्तावेज़ों सहित विस्तृत आयोग की रिपोर्ट पेश करें।

50 लाख रुपये से शुरू हुई बोली, राशि गांव के विकास पर खर्च करने की बात

ये सोसायटी पंजाब के गुरदासपुर के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद की हुई है। हरदोवाल कलां जिले में सबसे बड़ा है। यहां सरपंच पद के लिए आयोजित फिल्म में 50 लाख रुपये की बोली लगने लगी है, जिसमें स्थानीय बीजेपी नेता आत्मा सिंह ने 2 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। बोली की प्रक्रिया के बाद चेक से भुगतान करने वाले स्थानीय भाजपा नेता आत्मा सिंह ने कहा कि आद्योपांत ने एक ऐसे सरपंच का फैसला लिया है, जो गांव के लिए मुख्य न्यायाधीश पद पर है। उन्होंने कहा कि कॉमिक्स के राइस विलेज के विकास पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आतिथ्य की एक समिति कोशाखा पर निर्णय लिया जायेगा। आत्मा सिंह के पिता भी गांव के सरपंच रह चुके हैं। पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत के चुनाव होंगे।

चुनाव आयोग से मिले प्रतिनिधि मंडल, कांग्रेस ने भी की निंदा

वहीं, इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधि वित्त मंत्री हरपाल चीमा के नेतृत्व में राज्य चुनाव आयोग पहुंच और चुनाव आयुक्त से अपनी चिंता व्यक्त की। चीमा ने उन लोगों पर चिंता जताई जिसमें हस्ताक्षर दिया गया है कि कुछ व्यक्ति सरपंच और पंचों के लिए नामांकन में शामिल होकर चुनाव प्रक्रिया रिपोर्ट में हिस्सेदारी करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल हमारे डेमोक्रेट की पवित्रता को बढ़ावा देता है बल्कि सार्वजनिक प्रतिनिधित्व को भी खतरे में डालता है। आप चुनाव आयोग से ऐसे किसी भी कर्मचारी के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं और तुरंत जांच की मांग करते हैं।

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वहीं, कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नामांकन के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सरपंच पद की आलोचना की है और इसका आयोजन करने वालों को जेल की सजा की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह खुला भंडार है। ये ग़लत है. मैं चाहता हूं कि जो भी दो करोड़ रुपये का विश्वास रखता है, उसके खिलाफ स्टूडियो ब्यूरो कार्रवाई करे।

हाई कोर्ट पहुंच मामला, गाइडलाइंस बनाने की मांग

इस बीच, पंचायत चुनाव में सरपंचों के अंतिम चरण में जाने का आरोप वकील सतिंदर कौर ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दाखिल किया है। फाइल में उन्होंने बताया कि यह एक तरीका है जिससे सरपंचों के अवशेषों को खत्म करने का मामला बनता है और पूरी तरह से असंवैधानिक है। शीर्ष अदालत से गाइडलाइंस बनाए रखने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।

(रिपोर्ट: मोनी देवी)

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