महाराष्ट्र में नया बवाल, देश न्यूज़
इस मामले में राज्य के मुख्य रसायन में मछली पकड़ी गई है। विपक्षी यूबीटी के आदित्य ठाकुर और मित्र (सपा) के विधायक रोहित समर्थक सहित महासचिव महा विकास अघाड़ी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने दावोस यात्रा पर जरूरत से ज्यादा खर्च किया है।
निगम स्थित एक कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को 1.58 करोड़ रुपये के बिलों का कथित तौर पर भुगतान नहीं करने पर कानूनी नोटिस भेजा है। यह बिल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कुछ मंत्री के दौरे से संबंधित है। इस साल जनवरी में सीएम शिंदे दावोस में आयोजित आर्थिक विश्व मंच में शामिल होने के लिए जॉइनरी की यात्रा पर गए थे। इस दौरान महाराष्ट्र के एक सांस्कृतिक मंडल में भी उनका साथ दिया गया, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए उस बैठक में शामिल हुआ। दावोस यात्रा के दौरान एक कंपनी ने इन लोगों का आतिथ्य सत्कार किया। संवैधानिक होटल में जहां खाना-पीया गया, कथित तौर पर उसका भुगतान नहीं किया गया। इसलिए उस कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को 1.58 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है।
आतिथ्य सत्कार करने वाली कंपनी SKAAH GmbH ने 28 अगस्त को इस बारे में महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास निगम (MIDC) के मुख्यमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विश्व आर्थिक मंच सहित अन्य को नोटिस जारी कर आरोप लगाया है कि सरकारी कंपनी MIDC ने 1.58 करोड़ की लूट की है। रुपये का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि स्विस कंपनी ने 15 से 19 जनवरी के बीच आयोजित विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन के दौरान उपलब्ध सेवाओं के लिए बिल जमा कर दिए थे।
नोटिस के मुताबिक, कुल बिल में 3.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि 1.58 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एमआईडीसी के सीईओ पी वेलारासु ने इस तरह की किसी भी नोटिस मीटिंग को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे किसी नोटिस की जानकारी नहीं है। हालांकि, एमएटीडीसी वाउचर की जांच की जाएगी और कार्रवाई की आवश्यकता होगी। मामले का गुण-दोष के आधार पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाएगा।”
इधर, इस मामले में राज्य के ऑब्जेक्टिव खेत में सामान बनाया गया है। विपक्षी यूबीटी के आदित्य ठाकुर और मित्र (सपा) के विधायक रोहित समर्थक सहित महासचिव महा विकास अघाड़ी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने दावोस यात्रा पर जरूरत से ज्यादा खर्च किया है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के एक पोस्ट में लेखक ने दावा किया कि इस घटना से विश्व आर्थिक मंच की छवि खराब हो गई है और युवाओं को एक बुरा संदेश दिया गया है।
‘एक्स’ द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कंपनी ‘एसकेईएच जीएमबीएच’ को महाराष्ट्र लिमिटेड को लाइसेंस और आतिथ्य कंपनी प्रदान करने के लिए एमबीएच डीसी द्वारा नियुक्त किया गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उस अलिग्नेंट का हिस्सा थे जो बेरोजगारी को दावोस के लिए आकर्षित करने के लिए गए थे। इसमें कहा गया है कि 1,58,64,625.90 रुपये का भुगतान किया गया। इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री उदय सावंत ने कहा कि टूर के आयोजन वाले महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एडीएमडीसी) ने कहा कि कंपनी के दावों के विपरीत दावोस यात्रा के दौरान कोई अतिरिक्त खर्च नहीं किया गया था। (भाषा इंजीनियरिंग के साथ)