बिहार

दुकान: आशा ने घर की सामग्री से खुद के गरीबी को किया स्वाहा, दिलचस्प है आत्मनिर्भर बनने की कहानी

नीरज कुमार/बेगूअरे: होम, भारतीय धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह लखपति बनने का जरिया भी हो सकता है? दुकान की आशा देवी ने लाखों की कमाई के लिए आउटलुक में समान पारंपरिक घरेलू सामग्री से अपना व्यवसाय शुरू किया। आशा देवी ने अपनी कॉस्ट्यूम को ‘दुर्गा जीविका स्वयं सहायता समूह’ नाम दिया है और आज वह अपनी कॉस्ट्यूम को बाजार में उतार रही हैं।

घरेलू सामग्री के व्यापारी और बाज़ार में व्यापारी
फ़्लोरिडा जिले के मुगल गांव में रहने वाली आशा देवी की सामग्री की खरीदारी कर इसे बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। आशा ने बताया कि घर के लिए आवश्यक सामग्री जैसे पीपल, नीम, आम, शमी, अर्जुन की लक्स रेस्ट से मुफ्त में मिल जाती है। इसके अलावा, शुद्ध घी, चावल, जौ, तिल, कपूर और अन्य आवश्यक थोक मूल्य पर उपलब्ध हैं। आशा और उनकी टीम में 5-6 जीविका कलाकार सुपरस्टार का काम करते हैं। उनके इस व्यवसाय को देखने के लिए स्थानीय 18 पर तस्वीरें भी उपलब्ध हैं, जो निर्माण प्रक्रिया को शुरू करती हैं।

50 मुनाफ़ा की कमाई
जीविका सहयोगी रीना देवी के अनुसार, आवास सामग्री की बिक्री से 50 प्रतिशत का नुकसान होता है। फैक्ट्री और ऑटोमोबाइल में स्टूडियो की अच्छी बिक्री हो रही है और भविष्य में व्यवसाय को बढ़ाने की योजना है। आशा के पति चंदन कुमार ने बताया कि वे कुम्हार से ₹20 में कलश पेंटिंग बनाते हैं और ₹40-₹50 तक के स्टॉक दिखाते हैं। त्योहारों के सीजन में खासतौर पर अक्टूबर से दिसंबर के बीच 5-7 लाख रुपये तक की बिक्री होती है, जबकि अन्य महीनों में 1-1.5 लाख रुपये तक का कारोबार होता है।

खोदावंदपुर बीपीएम का सहयोग
आशा की इस सफलता में गोवांदपुर बीपीएम, मनोज कुमार का अहम योगदान है। उन्होंने समय-समय पर आशा की आर्थिक सहायता की, जिससे उनके व्यवसाय में तेजी से वृद्धि हुई। आशा देवी का यह सफर प्रेरणादायक है, जो साबित करता है कि पारंपरिक व्यवसाय से भी लाखों की कमाई हो सकती है।

टैग: बिहार समाचार, स्थानीय18

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