16 साल से अपने सिर के बाल नोच कर खाती थी युवती, दुर्लभ बीमारी ट्राईकोटिलोमेनिया से थी ग्रस्त, जानें लक्षण कारण, इलाज
बाल खाने की समस्या ट्राइकोटिलोमेनिया: उंगलियों के नाखून चबाने की आदत तो बहुत लोगों में होती है, लेकिन क्या आपने किसी ऐसे इंसान को देखा है, जो अपने सिर के बाल ही खाता हो? आप ये तो नहीं सोच रहे कि भला कोई बाल कैसे खा सकता है. जी हां, सिर के बाल खाने की ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली एक घटना बरेली, उत्तर प्रदेश से सामने आई है. सुभाषनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती अपने बाल को ही खाती थी. जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने जब युवती का ऑपरेशन किया तो उसके पेट से बालों का बड़ा सा गुच्छा निकला.
16 साल से खा रही थी बाल
डॉक्टरों ने उसके पेट की जांच की तो उसमें बड़ा सा बालों का गुच्छा नजर आया, जिसके बाद सर्जरी के जरिए गुच्छे को बाहर निकाला गया. दरअसल, युवती अपने ही सिर के बाल पिछले 16 वर्षों से नोच कर खाया करती थी. संभवत: वह अपनी इस आदत को छिपाने के लिए बालों को खाती होगी. धीरे-धीरे बाल उसके पेट में जमा होते गए और बड़ा गुच्छे का रूप ले लिया. उसे पिछले पांच वर्षों से पेट में दर्द भी रहता था. कई हॉस्पिटल में दिखाया गया, लेकिन उसकी समस्या कम नहीं हुई. अंत में जिला हॉस्पिटल में सिटी स्कैन में पता चला कि उसके पेट में गुच्छे जैसा कुछ है. फौरन सर्जरी की गई तो पेट से बालों का गुच्छा निकला. जिला हॉस्पिटल के अनुसार, दरअसल युवती मानसिक बीमारी ट्राईकोटिलोमेनिया (ट्राइकोटिलोमेनिया) से पीड़ित थी. 25 वर्षों में पहली बार इस दुर्लभ बीमारी का मामला हॉस्पिटल में सामने आया. ऑपरेशन करते हुए डॉक्टर्स ने वीडियो भी बनाया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा.
क्या है ट्राईकोटिलोमेनिया? (What is trichotillomania)
एनएचएस डॉट यूके में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्राइकोटिलोमेनिया को हेयर-पुलिंग डिसऑर्डर भी कहते हैं. यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें लोग बार-बार अपने बालों को उखाड़ते हैं. इससे ग्रस्त व्यक्ति का लुक प्रभावित हो सकता है. इसे सोशल स्टिग्मा से जोड़कर देखा जाता है. ट्राईकोटिलोमेनिया की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति अपने बाल नोचने की इच्छा को रोक नहीं पाता. वे अपने सिर या अन्य स्थानों, जैसे अपनी भौहें या पलकों के बाल उखाड़ सकते हैं.
ट्राईकोटिलोमेनिया के लक्षण
इस डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति अपने बालों को खींचने के बाद राहत महसूस करता है. कई बार तनावपूर्ण स्थिति के प्रति प्रतिक्रिया देने के लिए अपने बालों को खींच सकता है. इससे पीड़ित अधिकतर लोग स्कैल्प से बाल नोचते हैं, लेकिन कुछ लोग भौंहों, पलकों, जननांग क्षेत्र, मूंछ या दाढ़ी के बाल भी निकालते हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति के अंदर शर्मिंदगी और लो सेल्फ-स्टीम की भावना पैदा हो जाती है. प्रभावित लोग अपनी स्थिति को अपने तक ही सीमित रखने का प्रयास करते हैं.
ट्राईकोटिलोमेनिया के कारण
- तनाव या चिंता से निपटने का आपका तरीका
- मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन
- यौवन के दौरान हार्मोन के स्तर में परिवर्तन
- आनुवंशिक कारण से भी यह रोग हो सकता है.
- एक परिवार में एक से अधिक लोगों को यह स्थिति हो सकती है.
ट्राईकोटिलोमेनिया का इलाज
ट्रिच (Trich) या ट्राईकोटिलोमेनिया का इलाज आमतौर पर एक प्रकार के सीबीटी का उपयोग करके किया जाता है. यह एक हैबिट रिवर्सल ट्रेनिंग होती है. इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ित व्यक्ति के किसी भी बुरी आदत को किसी ऐसी चीज़ से बदलने में मदद करना है, जो हानिकारक नहीं है. उपचार में आमतौर पर शामिल हैं:
- बालों को खींचने की इस आदत की एक डायरी रखना.
- ट्रेनिंग में बालों को खींचने के लिए जिम्मेदार ट्रिगर्स पर काम किया जाता है. इनसे कैसे बचा जाए ये सिखाया जाता है.
- इस आदत को कम करने के लिए स्ट्रेस बॉल दबाने के लिए दिया जाता है.
- साथ ही परिवार के लोगों का भावनात्मक सपोर्ट और प्रोत्साहन भी इसके इलाज में बहुत मायने रखता है.
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पहले प्रकाशित : 6 अक्टूबर, 2024, 08:30 IST