झारखंड

सोरेन का कहना है कि अगर केंद्र ने कोयला रॉयल्टी बकाया का भुगतान कर दिया होता, तो झारखंड की महिलाओं को 3 लाख रुपये दिए होते – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

सोरेन का कहना है कि अगर केंद्र ने कोयला रॉयल्टी का बकाया चुका दिया होता, तो झारखंड की महिलाओं को 3 लाख रुपये दिए होते

विलायती सोरेन
-फोटो : ANI

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झारखंड के सीएम रसेल सोरेन ने बालीगुमा में केंद्र सरकार पर हमले के दौरान एक रैली की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड की कोयला रॉयल्टी पर 1.36 लाख करोड़ रुपये की छूट दी है। अगर केंद्र से झारखंड सरकार को यह भुगतान मिले तो हम पूरे प्रदेश की महिलाओं को तीन लाख रुपये देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा झारखंडी सरकार के हर काम में बाधा डालने की कोशिश कर रही है।

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उन्होंने कहा कि बीजेपी जब सत्ता में थी तब उसने राज्य की महिलाओं के लिए कोई अच्छा काम नहीं किया और अब बीजेपी हमारी मैया सम्मान योजना पर उंगली उठा रही है। इस योजना को प्रतिबंधित करने के लिए सुपरहीरो तक से संपर्क किया गया। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी सत्ता में रहने के दौरान राज्य में महिलाओं के लिए कोई योजना क्यों नहीं लेकर आई?

राज्य की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने के भाजपा के वादे को लेकर सोरेन ने कहा कि यह विधानसभा चुनाव में लाभ पाने का एक उपाय है। उन्होंने केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये की औद्योगिक कोयला रॉयल्टी का भुगतान किया। सीएम ने कहा कि झारखंड में बड़ी मात्रा में खनिज भंडार हैं, लेकिन फिर भी लोग गरीब हैं।

सोरेन बोले कि हमने हमारी सरकार ने 1932 के भूमि सर्वेक्षण रिकॉर्ड के आधार पर रोजगार नीति बनाई, तो बीजेपी ने इसके खिलाफ भी संघर्ष किया। सीएम ने कहा कि 2019 में हमारी सरकार के सत्ता में आने के एक घंटे बाद बीजेपी ने हमें हटाने के लिए कई चालें चलीं. उन्होंने आरोप लगाया कि व्यावसायिक दल अब सांप्रदायिक राजनीति में बने हुए हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि आर्किटेक्चर की पहचान करें और चुनाव में सबक सिखाएं।

इस दौरान सोरेन ने सरकारी अस्पताल की नई बिल्डिंग में एक लाइब्रेरी और एक कन्वेंशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। इसे लेकर सोरेन ने कहा कि हमने कोविड का वैज्ञानिक समय देखा था। यह नज़ारे की तरह बैक स्टेट के लिए अभिशाप था। सब कुछ रुक गया था और लोग घर के अंदर ही रह रहे थे। लेकिन सरकार ने स्थिति को ठीक कर लिया और सभी विदेशी पर्यटकों को घर वापस भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि तब राज्य का सार्वजनिक स्वास्थ्य ढलान ढांचा नहीं था। औषधियों और चिकित्सकों की कमी थी। लेकिन हम स्थिति से आश्वस्त नहीं हैं, बल्कि देश के बाकी हिस्सों को स्टॉक और बोकोसा से ऑक्सीजन की आपूर्ति भी की जाती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही रांची में एक और अस्पताल की स्थापना की जाएगी।

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