बिहार

जेईई में रैंक 2, फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्डलिस्ट, आईआईटी बॉम्बे से बीटेक, अब जीते हैं ऐसी लाइफ

जेईई की सफलता की कहानी: मान्यता-जयी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। सफलता पाने के लिए गहन एकाग्रता और समर्पण की आवश्यकता होती है। बिना साटेलाइट की परीक्षा को पास किए गए अवशेषों से पढ़ाई करने के अपने सपने को पूरा नहीं किया जा सकता है। ऐसा ही एक लड़का था सपना, जो पढ़ना चाहता था. वह अपने सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की और उसने साक्षियों की परीक्षा में टॉप 2 रैंक हासिल की। आज हम प्रोटोकालिक बातें कर रहे हैं, उनका नाम शुभम मेहता (शुभम मेहता) है।

बॉम्बे से की पढ़ाई
शुभम (शुभम मेहता) ने 2011 के परीक्षा में टॉप 2 रैंक हासिल की हैं। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। वह प्रतिदिन लगभग 13-14 घंटे की पढ़ाई के दौरान दृढ़-जेई की तैयारी करती है। वे स्कूल केवल प्रैक्टिकल और अंतिम परीक्षा देने के लिए निकले थे, बाकी समय वे कोचिंग और सेल्फ-स्टडी में लगे हुए थे। पढ़ाई में इतना मगन रहता था कि वह अपने पसंदीदा गेम को सिर्फ दो बार खेलता है।

कक्षा 11वीं से प्रारंभ कर दी थी तैयारी
शुभम की तैयारी की यात्रा कक्षा 11वीं से शुरू हुई थी। उन्होंने मुख्य रूप से मैथ्स, फिजिक्स और केमेस्ट्री पर ध्यान दिया। शुभम के लक्ष्य और पहचान में प्रवेश पाना नहीं था, बल्कि वे आगे भी शिक्षा अनुसंधान में योगदान देना चाहते थे। मान्यता-जेई की तैयारी के दौरान उनकी विशिष्टता बेहद सख्त थी। सप्ताह में छह दिन, रोज़ाना 6 घंटे की कोचिंग और 7-8 घंटे की सेल्फ-स्टडी की जाती थी। रविवार को वे टेस्ट देते थे, जो कि पैटर्न पर आधारित 6 घंटे का टेस्ट हुआ था। पहचान-जई पास करने के बाद भी उनका समय खाली नहीं था। उन्होंने इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड के लिए तैयारी शुरू कर दी थी और वह गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं।

इस बड़ी कंपनी में हैं सीनियर मैनेजर
एमबीएस के परीक्षा में रैंक 2 हासिल करने वाले शुभम मेहता (शुभम मेहता) ने बीटेक और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद सैमसंग क्लाउड में सॉफ्टवेयर के तौर पर काम किया है। लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के अनुसार इसके बाद वे सैमसंग पे में उत्पाद प्रबंधक के पद पर रह रहे हैं। इसके बाद वे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े हुए हैं, अभी भी वे पैकेजिंग सेक्टर में सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर, टेक्नोलॉजी (एडब्ल्यूएस एनालिटिक्स) के तौर पर काम कर रहे हैं।

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