जम्मू-कश्मीर में 50 सरकारी नामांकन के वेतन वृद्धि पर रोक, EC के आदेश पर आपत्ति; जानें वजह
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर से तीन चरण में छात्र हो गए हैं। 1 अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण में वोटिंग हुई थी। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे। रिजल्ट से पहले चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को 50 सरकारी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर रोक के निर्देश दिए हैं। इसमें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर चुनावी प्रचार करने का आरोप शामिल है। उदाहरण के लिए पहले ही निलंबित किया जा चुका है। 50 सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, इसके अलावा 11 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के खिलाफ शामिल जिला अधिकारी पीके पोले ने सभी चुनाव अधिकारियों या पदाधिकारियों (डीसी) को निर्देश दिया है कि वे सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लें, जो चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान थे। ।।
डीसी ने कहा, ”आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की अवधि के दौरान करीब 50 सरकारी कर्मचारी और अधिकारी चुनाव प्रचार में शामिल हुए। प्रारंभिक जांच में उनकी भागीदारी का पता चलने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी और आरोप सही पाए जाएंगे, कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी पर रोक लगाई जाएगी। साथ ही उनकी सेवा पुस्तिका में इसका उल्लेख भी किया जाए ताकि उन्हें और अन्य समान क्रम वाले कर्मचारियों को एक मजबूत संदेश मिल सके।”
11 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर
अधिकारियों ने बताया कि राजनीतिक साझेदारी में भाग लेने के आरोप में 6 सितंबर को पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ आगे की जांच शुरू की गई। 23 सितंबर को राजनीतिक प्रचार में बढ़ावा देने वाले 21 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया, पांच कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। 29 सितंबर को चुनाव प्रचार और संबंधित राजनीतिक साझेदारी में भागीदारी पाए जाने पर छह सहायक कर्मचारियों को हटा दिया गया और 23 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। निलम्बन के अलावा, लगभग 40 कर्मचारियों को विदेश से निकाल दिया गया जहां वे इस अवधि के दौरान स्थापित थे।