क्राइम

एयरपोर्ट पर दोस्त के साथ फिल्म में नजर आए ‘डर’, CISF ने दिया ऐसा सबक

हवाई अड्डा समाचार: एयरपोर्ट पर तीन स्ट्रेंथों को स्टेक करना इन त्रिस्तरीय प्लांटों को औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने ऐसा सबक सिखाया है कि अब हवाईअड्डे पर जाएं तो बाहर देखने से भी डरें। दरअसल, यह मामला बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है। वहीं, सीआईएसएफ को जिन दस्तावेजों में तीन चीजें मिली हैं, उनमें एएल लस्कर, ए रहमान लस्कर और बयासी हुसैन के रूप में पहचान हुई है। तीनों पर कानूनी कार्रवाई के लिए आइए पुलिस प्रमाणन की जांच की गई है।

हवाईअड्डे सुरक्षा से जुड़े वरि.फौज अधिकारी के अनुसार, सुबह करीब सात बजे त्रयी युवा अपने हवाई टिकट और पहचान पत्र पार डिचर टर्मिनल में शामिल हो गए थे। इन तीनों के पास एयर इंडिया एक जंक्शन एक्सप्रेस की बेंगलुरु से चेन्नै जाने वाली फ्लाइट I5-1356 का एयर टिकट था। वहीं, टर्मिनल में प्लेसमेंट होती ही इन टायरों पर सीआईएसएफ एसआई के संपर्क भी जाम हो गए थे। दरअसल, इन तीनों में एक युवक के पास तो अपना सामान था, लेकिन बाकी दो टुकड़ों के पास कोई सामान नहीं था। बिना बैग एयरपोर्ट पहुंच की वजह से सीआईएसएफ के संपर्कें इन तीनों पर जाम लग गया था।

जांच में सामने आया नया सच
वेरी स्टाफ़ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि डीपार्चर टर्मिनल में प्लेसमेंट होने के बाद देश में युवा एलायंस के चेकइन काउंटर पर, जहां बायकेंट हुसैन ने तो अपना चेकइन करा लिया था, लेकिन जब एला लास्कर और रहमान आई लास्कर ने अपने एयर टिकट मंगाए तो इन तीनों का चेहरा फटा हुआ मिला। इसी बीच, सीआईएसएफ पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद हुई जांच में पता चला कि एल लास्कर के पास मौजूद हवाई टिकटें फर्जी हैं। वहीं, ए रहमान लस्कर के पास मौजूद ई टिकटें तो सही हैं, लेकिन उनका दोषी करार दिया गया है। बयासी की टिकटें और आईकार्ड सही पाए गए।

पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
स्कॉटलैंड ने बताया कि फर्जी हवाई टिकट और फर्जी पहचान पत्र के खुलासे के बाद तीर्थ को कब्जे में ले लिया गया। पूछताछ में पूछताछ में बताया गया कि वास्तविकता में असाल्ट हुसैन को ही एयर इंडिया एक एक्सप्रेस की बेंगलुरु से चेन्नै जाने वाली उड़ान I5-1356 से उड़ान भरना था। वह दोनों एस्टीमेट को सी-ऑफ करने के लिए एयरपोर्ट आये थे। अंतिम तिथि तक वह छोड़ने के लिए उड़ान तक जाना चाहता था, सूचक सप्लायर एयर टिकट और नकली पहचान बनाई गई थी। इस खुलासे के बाद सीआईएसएफ ने इस पर आगे की कार्रवाई के लिए आईए पुलिस प्रमाणन की व्यवस्था कर दी है।

पहले प्रकाशित : 30 सितंबर, 2024, 15:52 IST

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