वाटिका लिमिटेड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने दिल्ली और गुरुग्राम में 15 स्थानों पर छापेमारी की – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव
एचडी रेड।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाटिका लिमिटेड और अन्य से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली और गुरुग्राम में 15 प्रतिशत पर छापा मारा। इस दौरान एचडी ने 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की पहचान की। एडी ने यह कार्रवाई धनशोधन सेफ्टी एसी (पीएमएमएलए) के तहत की।
एडी ने 7 मछुआरों को दोनों शहरों में 400 से अधिक मछुआरों पर आरोप लगाया था। इन लोगों में बिल्डर क्रेता कंपनी (बीबीई) शामिल थी। वॉटिका लिमिटेड के वाणिज्यिक प्रोजेक्ट में निवेश करने का वादा किया गया था, लेकिन न तो कंपनी ने न ही सुरक्षित रिटर्न दिया और न ही वाणिज्यिक इकाइयों के लिए आवेदन और अनुमोदन किया। ईडी ने बताया कि जांच से पता चला कि वाटिका लिमिटेड ने बीच में ही श्योरिटी रिटर्न्स बंद कर दिया था और विभिन्न ग्रुप में संबंधित इकाइयों को भी अनुमति नहीं दी थी।
पेन, हार्ड ड्राइव लैपटॉप आदि ज़ब्त
ईडी ने बताया कि इंवेस्टमेंट के दौरान निवेशकों से संबंधित विभिन्न अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड, ग्रुप के सहयोगियों द्वारा वित्तीय निवेशकों के लिए ऋण और पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं।
इस आधार पर पीएचडी ने की जांच शुरू की
ईडी ने 2021 के दौरान आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली और हरियाणा पुलिस की ओर से भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत वाटिका लिमिटेड और प्रमोटरों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धारा और फाउली से संपत्ति की दुकान के बारे में बताया। अपराध से संबंधित कई प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू हुई।
अब तक क्राइम से 250 करोड़ की आय का पता चला
एजेंसी ने बताया कि जांच में पता चला कि वाटिका ग्रुप की कंपनी ने 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लिया था। इसमें करीब 1200 करोड़ रुपये की इंडियाबुल्स कंपनी ने वाटिका ग्रुप और उसके प्रोमोटरों के साथ एकाधिकार में माफ़ कर दिया था। यह भी पता चला कि कंपनी ने सोया का पालन नहीं किया।
कंपनी ने टाइम-टाइम पर डीटीसीपी से लाइसेंस का मीन्स नहीं कंसर्न और कंसलटेंसी को समय पर पूरा करने में गलती की। एजेंसी ने यह भी कहा कि अब तक की जांच में करीब 250 करोड़ रुपये के अपराध से जुड़े लाभ का पता चला है। साथ ही वादे के दौरान एचडी ने इस लाभ से जुड़े 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की पहचान की है।