बिहार

फ़्लोरिडा सीज़न में समुद्र के लिए इन बातों का ध्यान रखें, अन्य दूध का उत्पादन होगा आधा

गोपालगंज. तीन दिनों से मौसम में काफी बदलाव आया है। मौसम के इस बदलाव के कारण दुधारू पशु रोगों का शिकार हो सकते हैं। पशुपालकों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। चावल ले रखव में विविधता पैदा हो गई, तो जानवर बीमार हो गए, जिससे उनके दूध का उत्पादन काफी कम हो गया।

पशुपालकों से अपील करते हुए कहा गया है कि तीन रातों में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही दिन और रात के तापमान में भी काफी अंतर है। इससे मेरे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

निमोनिया होने के अधिक पहलू
दार्शनिकों ने बताया कि ऐसे मौसम में अनुकूलन नहीं होने से समुद्र को मिलने वाली आम गोलियों में तिल, शीतोष्ण, तीक्ष्णता की समस्या और पाचन संबंधी विकार हो सकते हैं। यदि निमोनिया से बीमारी की शुरुआत हो और जांच न की जाए तो गंभीर बीमारी हो सकती है। जिससे दूध का उत्पादन घटेगा।

रात में कोयले को शेड में ही बांधे
जिला मुख्यालय अधिकारी डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि रात 10 बजे के बाद साहिल को शेड में बांधना चाहिए और उनके शेड को साफा-सुथरा रखना चाहिए। शेड एटीएम में ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, ग्रह को गर्म पानी और समय पर भोजन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुचिकित्सकों को अपने दांतों की नियमित जांच करनी चाहिए और किसी भी लक्षण को देखने के लिए तुरंत पशु चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए। दोस्तों को दिन में धूप और रात में ओस से बचाव जरूरी है।

बीमारी के लक्षण, प्रमुख अस्पताल में संपर्क करें
जिले के पालतू जानवरों ने अपने पालतू जानवरों की देखभाल के लिए आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान की है। किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण बताएं तो तुरंत पशु चिकित्सालय में संपर्क करें। पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है।

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