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प्रदूषण से घुटने लगा दम, आज ही शुरू कर दें ये 4 आयुर्वेदिक उपाय, फेफड़ों पर नहीं होगा खराब हवा का असर

दिल्‍ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्‍ता दिन रोज खराब होती जा रही है. प्रदूषण के चलते घरों के बाहर ही नहीं अंदर भी लोगों का दम घुटने लगा है. इसके चलते लोगों को सांस नली और गले में जलन की परेशानी भी हो रही है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि ऐसे में हवा में बढ़ते प्रदूषण को कम करना तो किसी एक व्‍यक्ति के लिए मुश्किल है लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप इस प्रदूषित हवा से अपने फेफड़ों और हार्ट का बचाव जरूर कर सकते हैं.

दिल्‍ली-एनसीआर में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 400 के पार पहुंच गया है. कुछ इलाकों में एक्‍यूआई सीवियर केटेगरी में है तो कुछ इलाकों में बहुत खराब श्रेणी में है. इससे अस्‍थमा, रेस्पिरेटरी दिक्‍कतों से जूझ रहे मरीजों, लंग डिजीज और हार्ट संबंधी बीमारियों के मरीजों को तो दिक्‍कत हो ही रही है, सामान्‍य लोगों को भी सांस लेने में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के सदस्य और जाने माने आयुर्वेदाचार्य अच्युत त्रिपाठी कहते हैं कि इतनी खराब हवा को शुद्ध कर पाना अगर संभव नहीं है तो लोगों को अपनी सुरक्षा और देखभाल के लिए आयुर्वेद के उपाय अपनाने चाहिए, ताकि इस प्रदूषण में भी स्‍वस्‍थ रहा जा सके. ये आयुर्वेदिक नुस्‍खे घर के प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए लाभदायक हैं.

प्रदूषण से बचने के लिए करें ये उपाय

. खुद बनाएं हर्बल टी, सुबह शाम पीएं
प्रदूषण से निकलने वाले कार्बन और पार्टिकुलेट मैटर सांस के द्वारा फेफड़ों में जमने लगते हैं, इसे बाहर करने के लिए आप घर पर ही तुलसी, दालचीनी, अदरक, सौंठ, कालीमिर्च पीपल, बड़ी इलायची को कूटकर और उसमें थोड़ा सा गुड़ डालकर हर्बल टी बना सकते हैा. इसे आप सुबह, शाम दोनों समय पीएं. इससे पूरे शरीर की शुद्धि होगी.

. मुनक्‍का-कालीमिर्च कर देगा गला साफ
डॉ. अच्‍युत बताते हैं कि अगर आप रोजाना कुछ मुनक्‍का भूनकर, उनके बीज निकालकर और उनमें दो-दो कालीमिर्च रखकर, सेंधे नमक में लपेटकर दाढ़ के नीचे रखकर चूसते हैं तो इससे न केवल आपका गला साफ होगा, बल्कि लंग्‍स में जमी गंदगी भी साफ होगी.

. मुलेठी चूसें
अगर आप कोई और उपाय नहीं कर पा रहे हैं तो सबसे आसान उपाय है कि मुलेठी खरीदकर अपने पास रखें. दिन में कम से कम एक बार मुलेठी को मुंह में रखकर चूसते रहें. ऐसा करने से सांस नली में जमा धुआं और गंदगी साफ हो जाती है.

. हल्‍दी-गुड़ का दूध

इम्‍यूनिटी को मजबूत करने, प्रदूषण की वजह से होने वाली खांसी और अस्‍थमा के असर को कम करने के लिए आप रात में हल्‍दी का दूध उबालकर, उसमें थोड़ा गुड़ डालकर सोने से पहले पी लें. ऐसा हर दूसरे-तीसरे दिन पर किया जा सकता है.

डॉ. अच्‍युत कहते हैं कि प्रदूषण कम से कम डेढ़ से दो महीने तक परेशान करने वाला है. ऐसे में घर छोड़कर तो लोग यहां भाग नहीं सकते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आयुर्वेद के बताए उपायों को करके इस खतरनाक वातावरण में भी स्‍वस्‍थ रहा जाए. आप चाहें तो सरसों का तेल और सेंधा नमक मिलाकर गुनगुना करके बच्‍चों और बड़ों की छाती में भी लगा सकते हैं.

ये लोग बरतें खास सावधानी
आयुर्वेदाचार्य अच्‍युत कहते हैं कि इस मौसम में मोटे लोग, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, अस्‍थमा के मरीज और बच्‍चे खुद को बचाकर रखें. इन लोगों को प्रदूषण के एक्‍सपोजर से गंभीर सांस संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.

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