उमर अब्दुल्ला बने जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री, सरकार में शामिल नहीं हुए कांग्रेस
राष्ट्रीय सम्मलेन के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ ली। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (केस्टिक्ससी) में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें शपथ दिलाई। अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सरकारी एजेंसियों और उनके आसपास की सुरक्षा कड़ी दी गई है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री के करीबी तीन पीएम सिविल सचिवालय में सभी सचिवों की बैठक की शपथ लेंगे
शपथ लेने वाले मौलाना में अहमद सकीना इत्तू, जावेद अहमद राणा, सुरिंदर चौधरी, जावेद दार और शशीर शर्मा शामिल हैं। पांच संकल्पों में से दो कश्मीर से और तीन जम्मू से हैं। जम्मू-कश्मीर के दो जिलों के बीच संतुलन बनाने के लिए उमर अब्दुल्ला का यह कदम स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इटू और डार दोनों ही पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता एवं संसद में नामांकन के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी स्टेटस्, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के प्रमुख शपथ अखिलेश यादव, पीआईपी प्रमुख ओबामा फ्रीी, आप नेता संजय सिंह, सी. प्लाजा नेता डी राजा भारत सहित गठबंधन के अन्य नेता मौजूद हैं।
सरकार में शामिल नहीं हुई कांग्रेस
कांग्रेस के किसी भी नेता ने आज शपथ नहीं ली। बहुमत ने बताया कि विधानसभा चुनाव के साथ सामूहिक गठबंधन वाली कांग्रेस मंत्रालय परिषद में दो मंत्रालयों की मांग कर रही थी, लेकिन कम संख्या के कारण उन्हें केवल एक मंत्रालय दिया गया। समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने सरकार का हिस्सा न बनने का फैसला किया है। हालाँकि, सरकार का समर्थन है।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्रालय में शामिल नहीं हो रही है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कई बार रैली में वादा किया था। लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य बहाल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से हम नाखुश हैं इसलिए हम मंत्री पद में शामिल नहीं हो रहे हैं। जेकेपीसीसी प्रमुख ने कहा और कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य बहाली के लिए लड़ाई जारी रखेगी।