जम्मू-कश्मीर बने पूर्ण राज्य, उमर कैबिनेट ने पहली बैठक में ही मुहर लगा दी
पहली कैबिनेट बैठक में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा था। जानकारी के मुताबिक वह इस ड्राफ्ट को लेकर जल्द ही मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। गुरुवार को सिविल सचिवालय में उनकी पहली सचिवालय बैठक हुई। इस बैठक में डॉ. सुरिंदर कुमार चौधरी, मंत्री अकीना इटू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद दार और शशीष शर्मा शामिल हुए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के फ़ोर्स सूत्रो ने बताया कि सरकार या नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से अभी तक सरकार या नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने भी ना तो इस जानकारी की पुष्टि की है और ना ही इसस को खारिज किया है।
उमर अब्दुल्ला ने पहले भी कहा था कि वह विधानसभा के पहले सत्र में ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव पास करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम हैं कि पहले ही सत्र में पूरा राज्य बनाने का प्रस्ताव लेकर जाना चाहते थे और फिर मुख्यमंत्री खुद इस प्रस्ताव को दिल्ली लेकर आए थे। और देश के शीर्ष नेताओं से बात करके उन्हें अपना वादा पूरा करने की याद दिलाते हैं।
तनवीर ने कहा, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य ने ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण करने का वादा किया था। अब अपना अपना वादा पूरा करना चाहिए। आदिवासियों में यह भी कहा जा रहा है कि अगले दो दिनों में उमर अब्दुल्ला खुद इस ड्राफ्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें ड्राफ्ट कहेंगे। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था। इसके बाद राज्य को दो केन्द्रशासित रोबोट में बाँट दिया गया।
उमर कैबिनेट के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए इस प्रस्ताव को संसद में मंजूरी मिलनी को देनी चाहिए। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।