बी.टेक की डिग्री, फिर यूपीएससी क्रैक करके बने आईपीएस ऑफिसर, अब सीबीआई ने दर्ज किया केस
आईपीएस कहानी: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद इसमें आईएएस, आईपीएस और आईएफएस पद के अधिकारी शामिल होते हैं। लेकिन आईपीएस बनने के लिए नामांकित को अच्छी रैंक लानी होती है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उनके कैडर ने उनसे बातचीत की। एफ़ आई ई एफ एफ़आईआर बनने के बाद कुछ अपने सक्सेस या कारनामों की वजह से गुटबाजी में बने हुए हैं। ऐसी ही कहानी है 2015 में एक अपराधी के रूप में, जिन पर 1,200 करोड़ रुपये का आरोप लगाया गया था। इनका नाम भाग्यश्री नवटेके (आईपीएस भाग्यश्री नवटेके) है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 1,200 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले के आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि नवटेके ने वर्ष 2020 से 2022 के बीच जलगांव में भाईचंद हीराचंद रायदानी क्रेडिट सोसाइटी की जांच के दौरान विद्यार्थियों को परिणाम दिया, जिससे जांच प्रक्रिया प्रभावित हुई।
यूपीएससी में 125वीं रैंक हासिल की
आईपीएस भाग्यश्री नवटेके (आईपीएस भाग्यश्री नवटेके) 2015 बैचलर ऑफ महाराष्ट्र कैडर के अधिकारी हैं। वह मूल रूप से महाराष्ट्र में रहने वाली हैं। सरकारी अधिसूचना के अनुसार वे बीटेक की पढ़ाई पूरी तरह से करते हैं। इसके बाद भाग्यश्री ने यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्होंने इस परीक्षा में 125वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले भी ऑर्केस्ट्रा एससी/एसटी अत्याचारी अधिनियम के खिलाफ अपना गुस्सा स्पष्ट रूप से करने के लिए 21 बदमाशों के हाथ-पैर ने उन पर आरोप लगाने का आरोप लगाया था।
आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दर्ज केस
घोटालेबाज भाग्यश्री (आईपीएस भाग्यश्री नवटाके) पर जिस घोटले में केस दर्ज किया गया है, वह मुख्य रूप से फिक्स्ड किरदार पर असाधारण रिटर्न का लालची लोगों को ठगने पर आधारित था। कई मूर्तिकारों को वादों के तहत आकर्षित किया गया, जिससे उनका जमावड़ा डूब गया। जांच में पाया गया कि भूमिका में शामिल साक्षियों को प्रभावशाली ढंग से शामिल करने में नवटेक की भूमिका बेकार रही। अधिकारियों के अनुसार नवटेक की सादृश्यता और विस्तृत भूमिका की जांच अभी भी जारी है।
आटा कर रही है जांच
यह घोटाला 2015 से चल रहा है और अब तक उस समय से लेकर पुराने जमाने तक की यादें जारी है। इस मामले में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की कक्षाओं पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। दस्तावेज़ की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि नावटेके की भूमिका कितनी गहरी थी और इस घोटाले के अन्य सिद्धांत क्या असर कर रहे हैं।
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पहले प्रकाशित : 18 अक्टूबर, 2024, 14:05 IST