GST rates to be cut on water bottles bicycles ministerial panel in favour of exempting term life insurance premium पानी बोतल, साइकिल और नोटबुक के घटेंगे दाम! इंश्योरेंस पर भी GST से राहत के संकेत, बिज़नेस न्यूज़
जीएसटी दर युक्तिकरण: टर्म लाइफ इंश्योरेंस और सीनियर सिटीजंस द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को टैक्स फ्री किया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित GoM ने इसकी सिफारिश की है। इसके साथ ही GoM ने 20 लीटर की पानी की बोतल, साइकिल और प्रैक्टिस नोटबुक पर टैक्स की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया। वहीं, महंगी कलाई घड़ियों और जूतों पर टैक्स बढ़ाने का सुझाव दिया है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा।
पानी से घड़ी तक पर सुझाव
जीओएम ने 20 लीटर और उससे अधिक मात्रा की पानी की बोतलों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव दिया। इसके अलावा अभ्यास नोटबुक पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की सिफारिश भी की गई। इसी तरह 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव है। जीओएम ने 15,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों और 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया।
शनिवार को हुई बैठक
बता दें कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस समेत अन्य मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए मंत्री समूह यानी GoM की शनिवार को बैठक हुई थी। बैठक के दौरान सीनियर सिटीजंस के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये तक कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया गया। वहीं, पांच लाख रुपये से अधिक के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा। वर्तमान में टर्म पॉलिसी और फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
पिछले महीने GoM का गठन
जीएसटी काउंसिल ने पिछले महीने अपनी बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया था। सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। मंत्री समूह को अक्टूबर के अंत तक काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।