उत्तर प्रदेश

ग्रेटर में 20 बीघे जमीन पर बन गया अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, किसी को नहीं है खबर, कौन है जिम्मेदार

रिपोर्ट- धीरेन्द्र कुमार शुक्ला

ग्रेटर: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर शहर में इन दिनों अवैध निर्माण का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना कोई ना कोई बिल्डर अपनी तानाशाही और सत्ता के दम पर अवैध बिल्डिंग का निर्माण शुरू कर देता है और उसे बना भी देता है। जिम्मेदार अधिकारी इसकी खबर तक नहीं ले सकते। ऐसा ही एक मामला ग्रेटर के कब्रिस्तान गांव से सामने आया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहने वाले एक बड़े बिल्डर ने पूरे गांव में करीब 20 जमीनें और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया है। चिंता करने वाली बात यह है कि इस इलाके में निर्माण के लिए प्राधिकरण से नक्शा पास करना अनिवार्य है। यहां के अधिकार के रिकॉर्ड में इस तरह का कोई नक्शा पास नहीं है और उसके बाद इतनी बड़ी बिल्डिंग सेंचुरी स्टैक कैसे हो गया?

ग्रेटर के गांव के आसपास रहने वाले लोगों का दावा है कि निर्माण के लिए अपना नक्शा पास करना है, लेकिन अधिकारी का कहना है कि गांव में इस तरह का नक्शा पास करने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्न अधिकार से है कि आखिर इतनी बड़ी सोसायटी और बिजनेस कॉम्प्लेक्स बिना किसी उद्यम के तैयार हो गया। खसरा नंबर 672, 673 और 674 पर हो रहे इन निर्माण पर आखिर मालिक की नजर क्यों नहीं पड़ी, क्या जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने रहे?

ग्रेटर अथॉरिटी के अलॉटमेंट में
प्रश्न यह भी है कि जब प्राधिकरण के कर्मचारी नियमित रूप से क्षेत्र का दौरा करते हैं और कहीं भी अवैध निर्माण की स्थिति होती है तो तुरंत वसूली करने के लिए तैयार रहते हैं तो उन्हें इस निर्माण उपकरण पर नजर क्यों नहीं डाली जाती? यह बिल्कुल साफ है कि इस अवैध निर्माण में ग्रेटर अथॉरिटी का जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल है। अन्वेषिका का अनावरण किया जा रहा था। दिल्ली के एक युवा ने इतनी बड़ी सोसायटी का निर्माण करवा दिया और उसकी राजधानी को भी नहीं बनाया, यह कैसे संभव हो सकता है।

जब इस मामले में ग्रेटर अथॉरिटी के जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया।

पहले प्रकाशित : 20 अक्टूबर, 2024, 21:44 IST

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