स्वरा भास्कर का CJI पर तंज, कहा- भयानक फैसले का जिम्मेदार भगवान को बना दिया
बॉलीवुड अभिनेत्री ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने बगैर नाम लिए अयोध्या राम मंदिर को लेकर दिए फैसले को भयानक करार दिया है। साथ ही कहा कि देश के शीर्ष जज इसके लिए भगवान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हाल ही में मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी।
भास्कर ने लिखा, ‘देश के शीर्ष जज का अपने भयानक फैसले के लिए भगवान को जिम्मेदार बताने का कदम कितना सहज था।’ इससे पहले शिवसेना (UBT) भी सीजेआई की बात पर सवाल उठा चुकी है।
क्या बोली उद्धव सेना
पार्टी ने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा, ‘…क्या न्याय कानून द्वारा, संविधान की धाराओं के अनुसार किया जाता है? जजों को अब इस बारे में अपने-अपने भगवान से ही पूछना चाहिए। चंद्रचूड़ साहब ने वो रास्ता दिखाया है। चीफ जस्टिस कहते हैं, ‘जब बाबरी केस, अयोध्या में राम मंदिर का मामला मेरे सामने आया तो मैं भगवान के सामने बैठा। मैंने भगवान से इस मामले को सुलझाने की प्रार्थना की। मैंने भगवान से कहा, ‘अब आपको ही कोई समाधान निकालना होगा।’
आगे लिखा, ‘चीफ जस्टिस किस भगवान के समक्ष प्रार्थना के लिए बैठे? विष्णु के तेरहवें अवतार या चौदहवें अवतार के सामने? समाधान के बाद अयोध्या में राम मंदिर तो खड़ा हो गया, लेकिन ये तय है कि लोकसभा चुनाव में तेरहवें अवतार से मंदिर के भगवान श्रीराम खुश नहीं हुए। कोर्ट को आस्था के मामले में नहीं पड़ना चाहिए। यहां कानून के प्रावधान अप्रभावी हो जाते हैं।’
क्या बोले थे सीजेआई
बीते सप्ताह सीजेआई चंद्रचूड़ पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा विश्वास करें, यदि आपको भरोसा है, तो ईश्वर हमेशा कोई रास्ता निकाल देंगे।’
फैसला
नवंबर 2019 को सुनाए गए फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच की अगुवाई तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे थे। अदालत ने दशकों पुराने मामले पर विराम लगाते हुए राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया था। साथ ही अयोध्या में ही वैकल्पिक पांच एकड़ के भूखंड पर मस्जिद बनाए जाने की भी बात कही थी।