सरदार पटेल की विरासत को बड़ा सम्मान देगी मोदी सरकार, दो साल चलेंगे आयोजन; अमित शाह ने बताया प्लान
देश के पहले होम मिनिस्टर सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर सरकार धूमधाम से आयोजन की तैयारी में है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की जयंती के मौके पर 2024 से 2026 तक दो साल पूरे देश में कई आयोजन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसी साल 31 अक्टूबर को उनकी जो जयंती आ रही है, उसी से कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ‘सरदार पटेल जी की विरासत बहुत बड़ी है। उन्होंने इस देश को दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र बनाने में योगदान दिया। इसके अलावा कश्मीर से लक्षद्वीप तक राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए भी प्रयास किए।’
अमित शाह ने लिखा, ‘राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान का स्मरण करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दो वर्षों तक सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजन होंगे। यह आयोजन 31 अक्टूबर 2024 से 2026 तक चलेंगे। ये आयोजन उनकी उपलब्धियों और एकता की भावना का स्मरण कराएंगे।’ सरदार पटेल के सम्मान में पहले भी मोदी सरकार कई आयोजन करती रही है। गुजरात के केवड़िया में सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। इसके अलावा उनकी जंयती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर माने का ऐलान भी पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रतिमा के अनावरण के मौके पर किया था।
2014 में पहली बार पीएम बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी कई बार सरदार पटेल के प्रति अपनी भावनाएं जाहिर कर चुके हैं। कांग्रेस पर सरदार पटेल की उपेक्षा करने के आरोप लगाते हुए भाजपा अकसर उने जुड़े कार्यक्रमों को जोर-शोर से करती है। यही नहीं 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाने के फैसले को भी मोदी सरकार ने सरदार पटेल को ही समर्पित किया था। उनका कहना था कि यह सरदार पटेल की भी भावना थी।
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1885 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वह कांग्रेस के नेता रहे और स्वतंत्रता आंदोलन में भी हिस्सा लिया। देश की स्वतंत्रता के बाद बनी पहली सरकार के वह गृह मंत्री थे। देश की 562 रियासतों के विलय का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। खासतौर पर हैदराबाद और जूनागढ़ में उत्पन्न समस्याओं के निपटारे के लिए भी उन्हें याद किया जाता है।