कैसे कांग्रेस के आगे झुके विपक्ष के नेता, विपक्ष में सबसे ज्यादा बढ़त; पर अब सहमति
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच साझेदारी को लेकर समझौता अंतिम चरण में है। आंतक का कहना है कि कांग्रेस, यूपी सेना और शरद पवार की गर्लफ्रेंड के बीच शेयरिंग को लेकर जो समझौता हुआ है, उसमें शामिल यूसा टेकर गुट को त्यागना पड़ा है। अब तक मिली जानकारी के कांग्रेस 105 प्रवेश द्वार पर प्रवेश करेगी तो अमेरिकी सेना को 96 से 100 सप्ताह तक प्रवेश मिल सकते हैं। गर्लफ्रैंड-शरद को 85 के करीब रेटिंग दी जा सकती है। इस तरह का साफ हो गया है कि यू.एस.वी. सेना कांग्रेस के सदस्य कमिटी पर उतरेंगे। यह पूरा सामुहिक अरब अमीरात के त्याग के लिए ही संभव हो पाया है, लगातार मांग थी कि वह 125 नामांकन पर दांव लगाएंगे।
फिर ऐसा क्या हुआ कि यूपी सेना को 125वीं मंजिल तो नहीं मिली बल्कि कांग्रेस से भी कम पर सहमति बनी। इसी तरह उलटी स्थिति में, जब यूसावी सेना ने 21वीं बार चुनाव लड़ा था और 9वीं मंजिल पर थी। वहीं कांग्रेस ने 17वीं विधानसभा चुनाव में 13वीं पर जीत हासिल की। ऐसा माना जा रहा है कि यह स्ट्राइक रेट ही सामने आ गया है, जिसे कांग्रेस ने अमेरिकी सेना को कम से कम चुनाव लड़ने के लिए राजी कर लिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और अमेरिकी सेना के संजय के बीच तो लंबी जंजी जंग भी चली। यहां तक कि अमिताभ बच्चन ने कहा था कि वह उस ग्रुप में नहीं जाना चाहते थे, जिसमें नाना पटोले होंगे।
फिर शरद पवार ने पैसिफिक और उषा ठाकुर से बात की। कहा जा रहा है कि उनकी करीब दो घंटे की बातचीत से पूरी स्थिति का पता चल गया। फिर कांग्रेस की सरकार थी कि विदर्भ में उनका अच्छा जनाधार है, लेकिन अमेरिकी सेना की वहां स्थिति खराब है। ऐसे में उनके वहां के क्वार्टर से पार्टिसिपेंट्स का नुकसान हुआ। वह बीजेपी से सीधे-सीधे नेटवर्क में नहीं, जीतो क्रेडिट नहीं। इसलिए कांग्रेस को ही मौका दिया जाए। कांग्रेस ने इसके लिए विपक्ष चुनाव का स्ट्राइक रे भी सामने रखा। अंत में अमेरिकी सेना को यह महसूस हुआ कि कांग्रेस ही मुख्य रूप से चुनावी लड़ाई है।
कांग्रेस का कहना था कि अमरावती, नागपुर, रामटेक और पुणे जैसे यूरोप में अमेरिकी सेना की उपस्थिति है। इसलिए यहां की सिफारिश पर हमें ही अधिकतम संभावना मिलेगी, जिससे जीत की संभावना बनेगी। वहीं यूवी सेना ने अंत में समर्थन का भी प्रस्ताव रखा था। कहा गया था कि यूक्रेनी सेना और कांग्रेस 100-100 पर उतर गए, जबकि कैसल-एसपी को 88 में प्रवेश दिया गया। इस पर भी कांग्रेस की स्थापना हुई और अंत में 100 से अधिक वोटों से कांग्रेस की विचारधारा बोली गई। वहीं, यूपी सेना को 5 से 10 तक की छूट दी गई है।