किसने चाहा ‘घड़ी’ चुनाव का इस्तेमाल, कल सुप्रीमो सुनवाई; शरद ऋतु के गुटके में डालियाँ डाली जाती हैं
अजित गुट की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि पार्टी के कुछ उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी गुट ने ‘घड़ी’ चुनाव पर कब्जा करने के लिए यह दस्तावेज तैयार किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने शरद ऋतु के नेतृत्व वाली लड़कियों की उस अर्जी को 24 अक्टूबर को पेश किया था, जिसमें महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत देव की अगुआई वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ‘घड़ी’ चुनाव के दावे का इस्तेमाल किया गया था। स्टूडियो चला गया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयाप्रदा को इस मामले में दोबारा शामिल करने का निर्देश दिया गया। मंगलवार को शरद रेवेन्यू गुट की ओर से पेशेंट वकील ने पीरिन को सूचित किया कि केस 22 में किसानों को भी सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन वाद-सूची में इसका उल्लेख नहीं है। इसके बाद पृष्णि ने इसे 24 पर्यटकों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
शरद गुट के वकील ने कहा कि याचिका में एनसीपी के दोनों गुटों को ‘घड़ी’ चुनाव का इस्तेमाल करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है। पीरिन ने कहा, “इस मुद्दे पर हमने पहले एक विस्तृत आदेश जारी किया था… यह एक तरह का सहमति आदेश था।” इस पर कोर्ट में शरद गुट के वकील ने दावा किया कि अजित राइट गुट के ऑर्डर पर अमल नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन नामांकन की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है।
अजित गुट की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि पार्टी के कुछ उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी गुट ने ‘घड़ी’ चुनाव पर कब्जा करने के लिए यह दस्तावेज तैयार किया है। प्रियंका ने कहा कि उन्होंने 24 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान यह मामला दर्ज किया था। पृष्ट ने अजीत गुट से तब तक जवाब देने को कहा है। ग्रेटर, कोर्ट शरद ने 6 फरवरी को इलेक्ट्रॉनिक्स आयोग के खिलाफ उस शीर्ष आदेश का रुख अपनाया, जिसके तहत अजिता के नेतृत्व वाले गुट को असली गर्लफ्रेंड के रूप में बताया गया था।
आयोग ने कश्मीर का ‘घड़ी’ चुनाव में भी अजीता नीत गुट को ऑफर दिया था। 19 मार्च को शीर्ष अदालत ने शरद समर्थक गुट को अपने नाम के रूप में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र राव) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी और उन्हें चुनाव में ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ के रूप में शामिल किया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट की उस याचिका पर एक आदेश जारी किया था, जिसमें अजित गुट को चुनाव में ‘घड़ी’ शब्द का इस्तेमाल करने से रोका गया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि अजीत पवार गुट के राजनीतिक लाभ के लिए शरद पवार का नाम और तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
शरद पवार ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में ईस्टनोम के राष्ट्रपति पूर्णो संगमा और तारिक बयासी के साथ राकांपा की स्थापना की थी। जुलाई 2023 में अजिता समर्थक ने गैंगवार में बगावत कर दी थी और पार्टी के ज्यादातर दल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीतीश के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हुए थे।