बिहार

बाप के साथ हिट रही थी लिबरेशन की जोड़ी, पर बेटों को बड़ा होने का नहीं दिया भाव, फिर अब क्यों डाला नेटमस्टक?

पटना. बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हो रहे विधानसभा से ठीक पहले सुपरस्टार सुप्रीमो यादव ने बड़ा दांव खेला है। बुद्ध यादव के इस दांव से कई लोगों के गुणांक तहस-नहस हो सकते हैं। बुद्ध यादव का यह दांव तेजस्वी यादव को साल 2025 में मुख्यमंत्री बनाने के लिए भी क्रांतिकारी साबित हो सकता है। बसंत से नाराज और खास तौर से शुरुआती यादव से नाराज चल रहे बाहुबली नेता और सिवान के दलित पूर्व अल्पसंख्यक मोहम्मद शहाबुद्दीन का पूरा परिवार शामिल हो गया है। पुराने बाद शहाबुद्दीन की पत्नी शहजादे शहाब और बेटे ओसामा की फोटो में शहजादे यादव के साथ नजर आई. कट्टरपंथी यादव जिस तरह से शहाबुद्दीन के बेटे और राजनीतिक विरासत ओसामा को निहार रहे थे, उन्हें साफ झलक रहा था कि उन्होंने बड़ा काम किया है।

बता दें कि 90 के दशक से लेकर साल 2014 तक अलीबाबा यादव और मोहम्मद शहाबुद्दीन के बच्चे की दोस्ती की चर्चा बिहार के आप बच्चे-बच्चे के पर थे। कहा जाता है कि मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में रखने के लिए यादव यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शहाबुद्दीन को खुली छूट दे रखी थी। इसी का नतीजा यह था कि सबसे पहले शहाबुद्दीन तक की कब्रगाह सिवान ही पूरे बिहार में नहीं जमा करती थी। यहां तक ​​कि प्रशासन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई थी कि शहाबुद्दीन पर हाथ रख सके। लेकिन, शहाबुद्दीन के निधन और शहीद यादव के जेल जाने के बाद दोनों परिवार टूट गये।

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बुज़ुर्ग-शहाबुद्दीन के बाद बनी तेज़-ओसामा की जोड़ी
सहायक कर्मचारी हैं कि शहाबुद्दीन के निधन के कई दिन बाद तक सहायक परिवार ने इस परिवार का हाल-चाल नहीं पूछा। कोरोना काल में ही शहाबुद्दीन का निधन हुआ था। परिवार काफी शवों को सिवान ले जाना चाहता था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण परेशानियां आ रही थीं। इसके लिए शहाबुद्दीन के परिवार ने तेज यादव से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की।

तेज़ ने कहा, ‘ताजार की जोड़ी’ का मतलब क्या है?
हालांकि, तेजप्रताप यादव जरूर कुछ दिनों के बाद सिवान चले गए थे. लेकिन, इसके बाद दोनों परिवारों में साझी तक तल्खी रही। युवाओं की पसंद तो युवा यादव नहीं चाहते थे कि उनकी छवि पिता की छवि के साये में आगे बढ़े। लेकिन, हाल के दिनों में मुस्लिम वोट बैंक को खिसकते और प्रशांत किशोर पर हुए हमले के बाद बेटे को वोट दिया गया। लगभग आधे यादव को अब लग रहा है कि मुस्लिम-यादव यानी माई कोम्पोट में प्रशांत किशोर सेंध लगा दिया गया। इसलिए उन्होंने ये बड़ा दांव खेला।

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