सबसे पहले समाचार! बिहार में मिले बड़े-बड़े ‘भंडार’, मंगलमाल होने का जी असंगठित ने दिया रास्ता
दीपावली से पहले बिहार के कई पौधों में मिले खनिज पदार्थ के अकूट भंडार। अभ्रक, ग्राग्राड, क्वार्टानाइट, सोना जैसे तंबाकू से मंगलमल होगा बिहार। बिहार झारखंड की धरती में भारी मात्रा में कॉपर और गणतन्त्र की संभावना।
पटना. दीपावली की तैयारी के बीच बिहारवासियों के लिए बड़ा समाचार सामने आया है। प्रदेश के कई प्राकृतिक खनिज संपदा का भंडार मिला हुआ है। इसकी जानकारी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सामने आई है। समकालीन लेकर भारतीय जी असांजे ने संबंधित अवास्तविक को आकर्षक पत्र की पेशकश की है। जिन आश्रमों में मिनरल्स के कूट भंडार पाए जाते हैं वे हैं- भागलपुर, बांका, आश्रम, जमुई, आश्रम, आरा, गया, आश्रम और आश्रम। बता दें कि जी एडवोकेट ने जो रिपोर्ट दी है उसमें झारखंड के दो आशिक और गिरिडीह शामिल हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसा का भंडार है, बिहारवासियों के लिए सबसे बड़ी बात बता रहे हैं जी असांसुद बिहारवासी। जी अस्सिटेंट की रिपोर्ट के अनुसार, तांबे आइज़ कॉपर, जस्टा आइज़ पाइथन, शीशा आइज़ लेड और अन्य खनिज पदार्थों का ज़िक्र किया गया है।
असल, बिहार के अंग प्रदेश के नाम से पहचान रखने वाले वाले वाले वाले और बांका के इलाके में कुसुम घाट, दिघी बाबारी और प्लांटारा में 212 पुश्तों की जांच के बाद तांबे और जस्ता होने की पुष्टि हुई है। इसी से जुड़े हुए झारखंड की सीमा के अंतर्गत गोड्डा और देवघर में भी खनिज पदार्थ होने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, भागलपुर से 70 किमी क्षेत्र में कटकर जिला क्षेत्र के कुसुम घाट ढेबा, दिघी बाबा और अंबाकोला में कॉपर कोलोराडो और लेड होने का अनुमान है। जी असोसिएट की सर्वेसर्वा टीम ने इन जगहों पर 35 भू-रसायन और 25 पेट्रोल-विज्ञान वैज्ञानिकों को एकत्रित किया।
बिहार के अंग प्रदेश के क्षेत्र में खनिजों का बड़ा भंडार
वहीं जी अकांउट के सर्वेक्षण में सबसे अधिक खनिज पदार्थ अंग क्षेत्र में होने के साथ ही बांका के शोरूम के बीच गौरानयादी, सुईया पठानकोट और म्बाटपुर के एएस पास में स्टैंडर्ड ग्रेड पेगमाटाइट मिला है। वहीं, साबूत के खड़गपुर क्षेत्र में बायोटाइट, ग्रैडाइट स्लेट, महीन अभ्रक, सिनेनाइट और बचेरे मिले हैं। बता दें कि नामांकित शाइनीला पत्थर होता है और काफी महंगा होता है। बता दें कि जमुई के माउंटेन हिल्स से भी या जुड़ती है यहां फोल्ट बैरसिया, ग्रेडिएंट क्वार्टानाइट मीटिंग का अनुमान है।
बिहार के 9 पौधों में इतने खनिज होंगे कि बदल जायेगा भाग्य
बिहार के विभिन्न पुर्तगालियों में जो पदार्थ मिलते हैं उनके अनुसार, रेस्तरां, रेस्तरां, राजगीर के चट्टानों में सफेद अभ्रक मिलता है। वहीं, आरा के कैमूर श्रेणी में स्टोन स्टोन और सिलिका का मिश्रण होता है। अनगिनत के गिरियक के पास आंशिक सोना की भी मात्रा पाई गई है। अभ्रक में अभ्रक, फैक्ट्री में ब्लैक क्ले, ग्रुप के खड़गपुर क्षेत्र में बायोटाइट, ग्रेडिअल स्लेट, अभ्रक, माहीन अभ्रक, ग्रेडिअट और नामांकन मिले हैं। बांका में गौरा नईदी, सुईया पठार अंबाटपुर के आसपास के क्षेत्र में ग्रैंड ग्रेड मैटेलाइट पाया जाता है। जमुई के सिमुलतला क्षेत्र में फॉल्ट वेसिया, ग्रेडिएंट और क्वार्टाइट मिला हुआ है। पादरियों, गिरिडीह, सतगामा और गोबरदाहा क्षेत्र में अभ्रक और ग्राण्ड का मिश्रण है।
जी ट्विटर रिपोर्ट ने बिहार के विकास की राह दिखाई
खान एवं भूतत्व विभाग के जी कमिश्नर की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। भागलपुर की रिपोर्ट भी इसमें है. एमडीओ केशव कुमार पासवान ने दी इस बात की जानकारी. बता दें कि सेंट्रल जियोलॉजिकल रिसर्च बोर्ड ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को बिहार और झारखंड में खनिज पदार्थों के भंडार का पता लगाने के लिए 15 और 19 क्षेत्रों में 19 क्षेत्रों में सर्वेक्षण की मात्रा दी है। सर्वेक्षण में प्राकृतिक संसाधन एवं मूल भूगर्भ शास्त्र का अध्ययन होगा।
पहले प्रकाशित : 28 अक्टूबर, 2024, 11:10 IST