रोहतास निवासी डॉक्टर चरण सिंह ने की भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग – News18 हिंदी
रोहतास . अंतः में आयोजित भोजपुरी संगम के चौथा महोत्सव में, सासाराम के एस.पी जैन कॉलेज के पूर्व कार्यशाला एवं भोजपुरी विचार डॉ. गुरु चरण सिंह को ‘भोजपुरी रत्न’ से विशेष किया गया. ये पुरस्कार उन्हें भोजपुरी भाषा के प्रोत्साहन–प्र और सांस्कृतिक अन्य को देश–विदेश में स्थापित करने में उनका विशिष्ट योगदान के के लिए दिया गया है.
भोजपुरी को दी नई वेबसाइट
डॉ. सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भोजपुरी भाषा और संस्कृति के उत्तर के के लिए समर्पण कर दिया. उन्होंने वैज्ञानिक और सांस्कृतिक मंचों के साथ अपने लेखी और बातें के माध्यम से भोजपुरी की पहचानना बनाया. यह नई अंतःपुर तक पहुंचाने का वास्तव में प्रयत्न किया. उनका दे ने भोजपुरी को एक नई ऍफ़ दी है.
संपूर्ण भोजपुरी समाज का सम्मान
भोजपुरी संगम संस्था, अंतः द्वारा भोजपुरी रत्न प्राप्त करने के बाद में डॉ. सिंह ने कहा कि ये सम्मान सभी भोजपुरी भाषाएँ के के लिए गौरव की बात बात है. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी उन्हें ‘भोजपुरी गौरव’ सहित कई अन्य सम्मान से विशेष किया ज भुगतान किया गया है. उन्हें दुबई में ‘साहित्य रत्न’ की डिग्री भी मिल 1 है. उन्होंने कहा कि ये संपूर्ण भोजपुरी समाज का सम्मान है, जिससे उन्हें इस भाषा के के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली.
लोग साथ लेकर गए थे अपनी संस्कृति
देश के बाहर भोजपुरी भाषा के प्रोत्साहन के के बारे में में पूछो जाने पर उन्होंने बताया कि 1864 के आस–पास लोग यहाँ से गिरमिटिया श्रमिक बाकी दुनिया के अलग–अलग 4 में अपने संस्कृति साथ लेकर गए थे. लोग इसे आज भी निष्ठा से 4 हैं. मॉरीशस का उदाहरणार्थ दे हुआ उन्होंने बताया कि वहाँ आज भी हर दरवाज़ा पर तुलसी का पौधा, हनुमान जी का मंदिर और घर में हनुमान चालीसा का पाठ होता है है, जो उनके अपने भाषा और संस्कृति के प्रति दे आस्था को आख़िर है.
आठवीं ग्राफ़ में का विमोचन शामिल है प्रयास
भोजपुरी को आठवीं ग्राफ़ इसमें शामिल होने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा है कर रहे हैं. उनका अनुसार, भोजपुरी यूएन सभी उत्तर को पूरा करता है है, जिस आधार पर यह आठवीं ग्राफ़ में सम्मिलित किया ज हो सकता है है. देश–विदेश में लगभग 25 करोड़ लोग भोजपुरी उतर हैं. साथ नमस्ते उन्होंने बताया कि भोजपुरी साहित्य भी अत्यंत समृद्ध है, जिसमें थैथिक, एकांकी, मुक्तक, प्रबंध काव्य, एप, खण्ड काव्य, गज़ल, उपन्यास, आलोचना आदि ॐ से उदाहरण में हैं. गृह मंत्रालय में दस्तावेज तैयार करने के साथ-साथ भोजपुरी को आठवीं ग्राफ़ में सम्मिलित करने के के लिए वे विविध व के साथ संयोजन प्रयास हैं.
हिन्दी से पुरानी है भोजपुरी
उन्होंने कहा कि कुछ लोग का कहा है कि भोजपुरी को आठवीं ग्राफ़ में सम्मिलित करने से हिन्दी भाषा फ़्रांसीसी हो जाएगा. जैसे लोग के बारे में उन्होंने कहा कि ‘ये लोग या तो अपने संस्कृति भूल उत्तर हैं या अपने वंहा से कट उत्तर हैं, क्योंकि हिन्दी भाषा के विकास में सबसे अधिक योगदान भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय अन्य का नमस्ते है’. भोजपुरी का उदाहरण हिन्दी भाषा के उदाहरण में आने से कई सदी पुराना है. आज की भोजपुरी, पूर्व वेद काल से चाल ए राई इस भाषा का नमस्ते परिवर्तित स्वरूप है. उन्होंने ध कहा कि भोजपुरी मोल की भाषा है, ये सरल, स्पष्टवादी और मधुर भाषा है, जिसे लोग को सदैव जीवंत रखना चाहिए.
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पहले प्रकाशित : 29 अक्टूबर, 2024, 03:28 IST