नीवे से बना कैनेडियन वीज़ा, पासपोर्ट दिया गया चिपकाए रीच एयरपोर्ट पर, और फिर इन ब्रेक का रह गया सब
हवाई अड्डा समाचार: अपना मंसूबा पूरा करने के लिए एक शख़्स ने ऐसी स्कीम रची, जिसका खुलासा होने के बाद फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट की सुरक्षा में मेमोरियल सिक्योरिटी एजेंसिया भौच फ़्रॉम का रह गया। मामले की जांच को देखते हुए इस मामले की जांच इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस को सौंप दी गई। इस मामले की जांच में एयरपोर्ट पुलिस के कई शेयर धारकों के खुलासे भी हुए हैं। इस मामले में पंजाब, हरियाणा और गुजरात से अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। संभव है कि इस मामले में जल्द ही कुछ और भी गिरफ़्तारियाँ हों।
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की गिरफ्त में उषा रंगानी के, इस मामले में अभी तक जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ़्तार किए गए अंतिम की पहचान प्लाजा (जींद, हरियाणा), प्रतीक शाह (सूरत, गुजरात), गौरव (करनाल, हरियाणा), नितिन शर्मा (गुरु तेग बहादुर नगर, पंजाब), सरबजीत कौर (मोहाली, पंजाब), गगनदीप (मोहाली) , पंजाब), रीना कौशल (एसएएस नगर, पंजाब) और संदीप का नाम शामिल है। गिरफ़्तार का जाल पंजाब से लेकर गुजरात तक का फैसला हुआ।
लाखों ख़रीदारी चाहत, लेकिन…
असल में, यह मामला हरियाणा के शहर में रहने वाले बजट नामक एक युवा से यात्रा पर गया है। वह रातों रात अमीर बनने की चाहत लेकर अमेरिका जाना चाहती थी। इसी बीच, उसके एक दोस्त ने बताया कि वह एक ऐसे शाख निष्कर्ष का पता लगाता है, जो उसकी इच्छा पूरी कर सकता है। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त की मदद से संदीप को एक एजेंट से बुलाया। संदीप ने अपने कुछ एसोसिएट्स की मदद से उसे कनाडा पहुंचाया। इस काम के सामने राख में डूबे संदीप ने 18 लाख रुपये की मांग कीमत दी।
वहीं, अलाउदम के सिर कनाडा जाने का भूत इस कदर सवार था कि उसने बिना सोचे समझे पांच लाख रुपये के असोसिएट एडवांस और अपने पासपोर्ट संदीप को छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद संदीप ने कनाडा का वजीरलैंड पासपोर्ट को वापस ले लिया। 28 सितंबर को नोएडा एयरपोर्ट रीच के लिए आईजीआई एयरपोर्ट रवाना हुआ। स्टोर डॉक्यूमेन्ट की मेमोरियलक्रूटनी के दौरान, ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारी ने जांच में पाया कि पासपोर्ट में लगे कैनेडियन वाइजर से सिक्योमोर्टिटी की विशेषता छिपी हुई है। पलभर में पता चला कि पासपोर्ट में लगा हुआ सरदार फर्जी है।
गुजरात के इंजीनियर ने किया गेम, और फिर…
इसके बाद, ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारियों ने शुरुआती पूछताछ के लिए और आईजीआई हवाई अड्डे पुलिस के गोदाम कर दिया। वहीं आईजीआई हवाईअड्डे पुलिस ने नोएडा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। पाउंड के विज्ञापन और निशानदेही के आधार पर इस मामले में सबसे पहले संदीप नामक एजेंट की गिरफ़्तारी हुई। इसके बाद एक ऐसा ही गिरोह सामने आया, जो लोग अपने जाल में फंसी के साथ मिलकर फ्यूरी मिर्ज़ा बनाने का काम करते थे। एक-एक कर इस मामले में आठ गिरफ्तारियां की गईं.
इस मामले में आठवीं मठवासी गुजरात के सूरत से प्रतीक शाह नाम की माँ की हुई है। गुजरात के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग करने वाला प्रतीक फ़र्ज़ी वीर बनाने का काम करता था। प्रतीक ने ही बजट का भी फर्ज़ी कैनेडियन जादूगर तैयार किया था। खोज के दौरान, प्रतीक के टुकड़े से 9 देशों के रबर मार्टैम्प, पीआर कार्ड के 80 बैचलैंक चिप, दो कलर प्रिंटर, प्लास्टिक सीलिंग मशीन, अन्य देशों के होलोग्राम गेमिंग स्केटिंग, 16 देशों के 16% से अधिक की बरामदगी गए हैं. इन्दहीं की मदद से प्रतीक फ़ारिगर वज़ीर तैयार किये गये थे।
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पहले प्रकाशित : 31 अक्टूबर, 2024, 08:45 IST